
हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले के घरवासड़ा गांव के रहने वाले भारतीय थल सेना के गनर नायक दिलवर खान को देश के दूसरे सर्वोच्च शांतिकालीन वीरता पुरस्कार कीर्ति चक्र से मरणोपरांत सम्मानित किया गया है। यह सम्मान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा नई दिल्ली में आयोजित एक गरिमामय समारोह के दौरान वीरवार शाम को दिलवर खान की माता और धर्मपत्नी को सौंपा गया। यह क्षण पूरे प्रदेश और देश के लिए गर्व, भावुकता और श्रद्धा से भरा रहा।
गनर नायक दिलवर खान ने 23 जुलाई 2024 को जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में आतंकवादियों से मुकाबला करते हुए देश की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति दी थी। मात्र 28 वर्ष की आयु में उन्होंने जो बलिदान दिया, वह आज पूरे देश के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया है। उनके अदम्य साहस, समर्पण और देशभक्ति को नमन करते हुए उन्हें यह सम्मान दिया गया है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने भी गनर नायक दिलवर खान को श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के लिए यह अत्यंत गौरव की बात है कि हिमाचल के दो वीर सपूतों को मरणोपरांत कीर्ति चक्र और शौर्य चक्र जैसे उच्च सैन्य सम्मान प्राप्त हुए हैं। उन्होंने कहा कि यह प्रदेश के जवानों के अद्भुत साहस और देशभक्ति की भावना का प्रतीक है।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि हिमाचल को ‘वीरभूमि’ का दर्जा इन ही बलिदानों के कारण प्राप्त हुआ है और हमारे जवानों ने हमेशा देश की रक्षा में अग्रणी भूमिका निभाई है। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि शहीदों को मिला यह सम्मान न केवल उनकी वीरता का प्रतीक है, बल्कि यह हिमाचल की मातृभूमि की गौरवगाथा को भी दर्शाता है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र हमेशा इनके बलिदान को याद रखेगा।
गनर नायक दिलवर खान का यह बलिदान केवल उनके परिवार के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश और देश के लिए एक अमिट प्रेरणा है। उनकी शहादत इतिहास के पन्नों में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज रहेगी।
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