आलमपुर, 13 मार्च – आयुष, युवा सेवाएँ एवं खेल मंत्री यादविंद्र गोमा ने वीरवार को आलमपुर में ख्वाजा पीर मंदिर वार्षिक दंगल में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। उन्होंने आयोजन समिति को सफल आयोजन की बधाई देते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश को देवभूमि के रूप में जाना जाता है और मेले एवं उत्सव इसकी संस्कृति का अभिन्न हिस्सा हैं। उन्होंने कहा कि यह आयोजन लोक परंपराओं को आगे बढ़ाने के साथ-साथ देवी-देवताओं के प्रति श्रद्धा, धार्मिक आस्था और सामाजिक सौहार्द का प्रतीक हैं। उन्होंने बाबा ख्वाजा पीर मंदिर को एक ऐतिहासिक धार्मिक स्थल बताते हुए कहा कि यहां आयोजित दंगल का विशेष महत्त्व है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण और संवर्धन के लिए लगातार प्रयासरत है। इसके साथ ही उन्होंने आलमपुर क्षेत्र में चल रहे विकास कार्यों की जानकारी देते हुए बताया कि यहां आयुर्वेद हॉस्पिटल के निर्माण के लिए भूमि का चयन किया जा चुका है। उन्होंने यह भी बताया कि आलमपुर, जो कांगड़ा जिले की सीमा पर स्थित है, वहां जिला कांगड़ा का प्रवेश द्वार निर्माण के लिए पर्यटन विभाग से 25 लाख रुपये की प्रारंभिक राशि स्वीकृत की गई है।
उन्होंने मेला कमेटी को मेले के सफल आयोजन के लिए 31 हजार रुपये देने की घोषणा की। इसके अलावा, उन्होंने दंगल प्रतियोगिता के प्रथम माली विजेता को 31 हजार और उपविजेता को 21 हजार रुपये की धनराशि से सम्मानित किया।
इस अवसर पर जसवंत डढवाल, बीडीओ लंबागांव सिकंदर कुमार, प्रवीण राणा, दंगल समिति प्रधान कपिल सिपहिया, सचिव सुरेंद्र राणा, उपाध्यक्ष बिहारी लाल, कोषाध्यक्ष तिलकराज सहित समिति के सदस्य, स्थानीय पंचायत प्रतिनिधि और बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।
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