हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है, जहां स्टेट विजिलेंस एंड एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए उद्योग विभाग में कार्यरत एक अधिकारी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। यह मामला संसारपुर टैरेस में स्थित उद्योग विभाग से जुड़ा है, जहां इकोनॉमिक इन्वैस्टीगेटर के पद पर तैनात तिलक राज को ₹40,000 की रिश्वत लेते समय विजिलेंस टीम ने पकड़ लिया।
यह कार्रवाई विजिलेंस को मिली एक शिकायत के आधार पर की गई। शिकायतकर्ता, जो कांगड़ा के बरवाड़ा का निवासी है और जिसका नाम प्रभाकरण बताया जा रहा है, ने आरोप लगाया था कि तिलक राज ने एक कार्य के एवज में उससे रिश्वत की मांग की है। विजिलेंस टीम ने शिकायत की जांच करते हुए इसे गंभीरता से लिया और एक रणनीति तैयार की। शिकायतकर्ता के सहयोग से विजिलेंस ने एक जाल बिछाया, जिसके तहत तिलक राज को रंगे हाथ पकड़ने की योजना बनाई गई।
योजना के अनुसार जैसे ही तिलक राज ने शिकायतकर्ता से ₹40,000 की रिश्वत ली, विजिलेंस टीम ने तुरंत दबिश देकर उसे मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि आरोपी मूल रूप से कांगड़ा जिले के नगरोटा बगवां क्षेत्र का निवासी है। बताया जा रहा है कि आरोपी ने एक इंडस्ट्री यूनिट की इंस्पेक्शन रिपोर्ट शिकायतकर्ता के पक्ष में देने के लिए यह रिश्वत मांगी थी। जब शिकायतकर्ता ने रिश्वत देने से इनकार किया तो आरोपी ने उसके काम में अड़चनें डालनी शुरू कर दी थीं।
विजिलेंस ब्यूरो कांगड़ा के अधिकारियों ने पुष्टि की है कि तिलक राज के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है और कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। साथ ही यह भी जांच की जा रही है कि क्या यह अधिकारी पहले भी इस तरह की गतिविधियों में शामिल रहा है और क्या इस मामले में अन्य कर्मचारी भी संलिप्त हैं।
यह कार्रवाई न केवल प्रशासनिक पारदर्शिता को बढ़ावा देती है बल्कि यह भी संदेश देती है कि भ्रष्टाचार के मामलों को अब नजरअंदाज नहीं किया जाएगा।
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