कांगड़ा जिला में नशे के खिलाफ अभियान को तेज करते हुए, जिला पुलिस नूरपुर ने एक कुख्यात महिला नशा तस्कर की हिरासत अवधि को छह माह के लिए और बढ़ा दिया है। यह कदम नशे के अवैध कारोबार को जड़ से समाप्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। आरोपित महिला की बढ़ती तस्करी गतिविधियों को देखते हुए पुलिस ने उसकी संपत्ति को जब्त करने के साथ-साथ उसे नजरबंद रखने का भी निर्णय लिया है। इस महिला पर पहले से कई नशा तस्करी के मामले दर्ज हैं और पुलिस लगातार उस पर निगरानी बनाए हुए है।
नशा तस्करी के खिलाफ पुलिस की रणनीति
नूरपुर पुलिस ने नशे के व्यापार पर रोक लगाने के लिए एक सख्त अभियान चलाया है, जिसमें अभियुक्तों की संपत्तियों को फ्रीज करना और उन्हें नजरबंद करना भी शामिल है। इस विशेष मामले में, इंदौरा तहसील के छन्नी गांव की निवासी रुबी, जो कथित तौर पर नशे की तस्करी में शामिल है, को हिरासत में रखा गया था। न्यायिक प्रक्रिया के तहत, रुबी की हिरासत की अवधि को बढ़ाकर आगामी छह माह तक किया गया है, ताकि उस पर कड़ी नजर रखी जा सके और वह नशे के कारोबार में शामिल न हो सके।
पुलिस की बड़ी कार्रवाई और पूर्व मामले
20 अप्रैल, 2024 को, नूरपुर जिला पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर रुबी के घर पर छापेमारी की, जिसमें रुबी के पास से 26.18 ग्राम चिट्टा (हेरोइन) बरामद हुआ। यह नशे का पदार्थ उच्च स्तर का है और इसकी कीमत भी काफी अधिक होती है। पुलिस ने उसे तत्काल गिरफ्तार कर लिया और एनडीपीएस अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया। जांच में यह भी पाया गया कि रुबी पहले भी नशा तस्करी के मामलों में शामिल रही है और उसके खिलाफ धर्मशाला, पठानकोट, और पंजाब के नंगलभूर जैसे क्षेत्रों में कई मामले दर्ज हैं। इन मामलों में रुबी पर हेरोइन की बड़ी मात्रा में तस्करी करने के आरोप हैं, और वह पहले भी इन मामलों में गिरफ्तार हो चुकी है।
कानूनी प्रक्रिया और आगे की कार्रवाई
रुबी के खिलाफ नूरपुर जिला पुलिस ने हिमाचल प्रदेश सरकार के सचिव (गृह) और हिरासत प्राधिकरण को एक प्रस्ताव भेजा था, जिसमें आरोपित महिला की नजरबंदी की सिफारिश की गई। एनडीपीएस अधिनियम के तहत हिरासत प्राधिकरण ने इसे स्वीकार किया और रुबी को हिरासत में रखने के आदेश जारी किए गए। पहले जारी आदेश की अवधि 3 नवंबर 2024 को समाप्त हो रही थी, जिस पर हिमाचल प्रदेश राज्य सलाहकार बोर्ड (एनडीपीएस अधिनियम 1988) ने उसकी हिरासत अवधि को छह माह के लिए बढ़ा दिया। अब यह हिरासत अवधि अगले साल तक बढ़ा दी गई है, ताकि नशे के कारोबार में रुबी की सक्रियता पर पूरी तरह अंकुश लगाया जा सके।
संपत्ति जब्ती: 1.3 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त
एसडीपीओ इंदौरा संजीव कुमार यादव ने बताया कि पुलिस ने रुबी की चल एवं अचल संपत्तियों की वित्तीय जांच कर उसकी संपत्ति को जब्त करने का निर्णय लिया। कुल 1 करोड़ 03 लाख 79 हजार 484 रुपये की संपत्ति को फ्रीज कर दिया गया है, और नई दिल्ली स्थित सक्षम प्राधिकारी ने इस जब्ती की पुष्टि की है। यह संपत्ति रुबी द्वारा अवैध रूप से अर्जित की गई थी और नशे के कारोबार से प्राप्त आय का हिस्सा थी।
पुलिस का कहना है कि संपत्ति की जब्ती का उद्देश्य न केवल रुबी के वित्तीय संसाधनों को कमजोर करना है, बल्कि नशे के कारोबार को नियंत्रित करने की दिशा में एक कड़ा संदेश देना है। एसपी अशोक रत्न के अनुसार, नूरपुर जिला पुलिस ने वर्ष 2024 में अब तक 8 अभियोगों में कुल 16 करोड़ 29 लाख 22 हजार 153 रुपये की संपत्ति जब्त की है। पुलिस का नशे के खिलाफ यह अभियान निरंतर जारी रहेगा और उन सभी व्यक्तियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी, जो नशे के अवैध कारोबार में संलिप्त हैं।
नशे के अवैध कारोबार पर नियंत्रण की दिशा में पुलिस का अगला कदम
नूरपुर पुलिस का यह अभियान हिमाचल प्रदेश में नशे के अवैध कारोबार पर रोक लगाने के लिए एक आदर्श उदाहरण है। इस तरह की कार्रवाई न केवल तस्करों के मंसूबों को कमजोर करती है, बल्कि समाज को भी यह संदेश देती है कि नशे के व्यापार से जुड़े लोगों के खिलाफ कोई ढील नहीं बरती जाएगी। इस अभियान का उद्देश्य समाज को सुरक्षित और स्वस्थ बनाना है, और पुलिस की यह मुहिम आगे भी जारी रहेगी ताकि आने वाले समय में युवाओं को नशे के चंगुल से बचाया जा सके।
For advertisements inquiries on HIM Live TV, Kindly contact us!
Connect with us on Facebook and WhatsApp for the latest updates!