पौंग झील, जिसे बर्ड सैंक्चुरी घोषित किया गया है, वहां सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट आदेशों की खुली अनदेखी हो रही है। एक तरफ वन्यप्राणी विभाग के डीएफओ और उनकी टीम झील के बीच स्थित रैन्सर टापू में सफाई अभियान चला रहे हैं, जबकि दूसरी तरफ कुछ भू-माफिया झील की खाली पड़ी जमीन पर खुलेआम अवैध खेती कर रहे हैं। यह मामला वन्यप्राणी विभाग की लुदरेट बीट से सामने आया है।
स्थानीय निवासी इंदिरा देवी और उनकी बेटी मोनिका ने बताया कि जब उन्होंने अवैध बिजाई कर रहे एक ट्रैक्टर को रोकने की कोशिश की तो उनके साथ धक्का-मुक्की की गई। महिलाओं का आरोप है कि न केवल उनके पालतू पशुओं को चरने से रोका गया, बल्कि उन्हें पीटा भी गया। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि विरोध करने पर उन्हें ट्रैक्टर के नीचे कुचल देने की धमकी तक दे दी गई।
महिलाओं का कहना है कि शिकायत करने पर विभाग ने कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की, जिसके बाद उन्हें पर्यावरणविद् मिलखी राम शर्मा की मदद लेनी पड़ी।
“विभाग सिर्फ खानापूर्ति कर रहा है” – मिलखी राम
पर्यावरणविद् मिलखी राम शर्मा ने वन विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि विभाग रसूखदार लोगों पर सख्त कार्रवाई करने से कतराता है और केवल छोटे-मोटे चालान काटकर अपनी औपचारिकता पूरी करता है।
उन्होंने गंभीर आरोप लगाया कि ये लोग दिन में अवैध खेती करते हैं और रात में विदेशी प्रवासी पक्षियों का शिकार भी करते हैं। अवैध बिजाई के कारण बेसहारा पशुओं के लिए चारे की समस्या खड़ी हो रही है और विभाग मेहमान पक्षियों की सुरक्षा को लेकर भी कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा।
कहां-कहां हो रही अवैध बिजाई?
सूत्रों के अनुसार घाड़जरोट, जरोट, बझेरा, ब्लोहड़, लुदरेट और नन्दपुर क्षेत्रों से सटी पौंग झील की खाली जमीन पर इन दिनों ट्रैक्टरों से अवैध बिजाई जोर पकड़ चुकी है।
सुप्रीम कोर्ट ने साफ आदेश दिए हैं कि बर्ड सैंक्चुरी क्षेत्र में मानवीय गतिविधियों और खेती पर पूरी तरह रोक है, लेकिन विभाग इस प्रतिबंध का पालन सुनिश्चित कराने में नाकाम साबित हो रहा है।
जिम्मेदार अधिकारी क्या कहते हैं?
वन्यप्राणी मंडल हमीरपुर के डीएफओ रेजिगनॉल्ड रॉयस्टन ने बताया कि उनकी टीम अभी रैन्सर टापू में सफाई अभियान में व्यस्त है। उन्होंने यह भी दावा किया कि इसी महीने अवैध खेती में शामिल 14 ट्रैक्टरों के चालान काटकर वन्यप्राणी अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है।
उन्होंने कहा कि पौंग डैम की जमीन बीबीएमबी के अधीन है, इसलिए कठोर कार्रवाई का अधिकार वही करता है।
बीबीएमबी के अधिशासी अभियंता विनय ने बताया कि विभाग लगातार अनाउंसमेंट के जरिए लोगों को जागरूक कर रहा है और अवैध खेती रोकने के लिए कार्रवाई भी की जा रही है।
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