जयदेवी वन रेंज के अंतर्गत मंडी जिले के चांबी क्षेत्र के नैहरा गांव में वन विभाग की टीम ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। टीम ने एक पिकअप वाहन से अवैध रूप से ले जाई जा रही देवदार की लकड़ी जब्त की है। इस कार्रवाई की पुष्टि करते हुए विभाग ने बताया कि उन्हें गुप्त सूचना प्राप्त हुई थी कि नैहरा क्षेत्र में देवदार लकड़ी की तस्करी की जा रही है। सूचना मिलते ही सुकेत वन मंडल के डिप्टी रेंजर राम लाल के नेतृत्व में टीम गठित की गई, जिसमें वरिष्ठ वन रक्षक रितेश कुमार, वन रक्षक कुसुम कुमार और अवनीश सैनी के साथ वन मित्र राहुल भी शामिल थे।
इस टीम ने नैहरा गांव में संदेहास्पद स्थिति में चल रहे एक पिकअप वाहन (HP 30A-2029) को जांच के लिए रोका। वाहन की तलाशी लेने पर उसमें देवदार की लकड़ी के 29 स्लीपर पाए गए, जिनका कुल आयतन 1.657 घन मीटर था। जब्त की गई लकड़ी की बाजार कीमत करीब ₹1,65,382 आँकी गई है। वन विभाग की टीम ने मौके पर ही लकड़ी और वाहन को कब्जे में ले लिया।
सुकेत वन मंडल के डीएफओ राकेश कटोच ने जानकारी दी कि इस मामले में वाहन मालिक तारा चंद के खिलाफ भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धाराएं 2(4), 2(6), 32, 33, 41, 42, 52, 52A, 52B, 64 और 69 के तहत मामला दर्ज किया गया है। इसके साथ ही, आरोपी पर भारतीय दंड संहिता की धारा 303 तथा जैव विविधता अधिनियम, 2002 की धारा 7 और 55 के तहत भी कार्रवाई शुरू की गई है। तारा चंद के खिलाफ संबंधित थाने में एफआईआर दर्ज करवा दी गई है और यह मामला डीएफओ की अदालत में आगे की जांच और आपराधिक कार्यवाही के लिए प्रस्तुत किया गया है।
वन विभाग की यह कार्रवाई देवदार जैसे कीमती और संरक्षित वृक्षों की अवैध कटाई और तस्करी पर लगाम लगाने के उद्देश्य से की गई है। इस ऑपरेशन से विभाग ने स्पष्ट संकेत दिया है कि हिमाचल प्रदेश में वन संपदा की सुरक्षा के लिए कड़ी निगरानी और सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।
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