हिमाचल की स्कूलिंग में बड़ा बदलाव! 6वीं से लागू होगी वोकेशनल एजुकेशन, पाठ्यक्रम में आएगी लोक संस्कृति और नैतिक शिक्षा

हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. राजेश शर्मा ने धर्मशाला स्थित बोर्ड मुख्यालय में शैक्षणिक समिति की अहम बैठक आयोजित की। बैठक में प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को और अधिक प्रभावी, आधुनिक और बच्चों के लिए उपयोगी बनाने पर गहन चर्चा हुई। इस दौरान कई महत्वपूर्ण बदलावों को लेकर सहमति भी बनी।

पाठ्यक्रम में होगा बड़ा बदलाव: नैतिक शिक्षा और लोक संस्कृति पर जोर

बैठक में निर्णय लिया गया कि नैतिक शिक्षा की पाठ्यपुस्तकों में आवश्यक संशोधन किए जाएंगे। साथ ही स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान, हिमाचल की लोक संस्कृति, नैतिक मूल्यों और संस्कारों से जुड़ी सामग्री भी पाठ्यक्रम में शामिल की जाएगी, ताकि विद्यार्थी अपने इतिहास और संस्कृति से गहराई से जुड़ सकें।

6वीं से 8वीं तक लागू होगी वोकेशनल व कंप्यूटर साइंस शिक्षा

राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप कक्षा 6 से 8 तक वोकेशनल एजुकेशन और कंप्यूटर साइंस को लागू करने पर सहमति बनी। इसका उद्देश्य विद्यार्थियों को शुरुआती स्तर पर ही कौशल आधारित सीखने से जोड़ना है, जिससे वे भविष्य के लिए बेहतर तैयार हो सकें।

मैप मास्टर, एटलस और प्रोजेक्ट बुक्स होंगी अनिवार्य

बैठक में प्रदेश के विद्यार्थियों के लिए मैप मास्टर और एटलस को लागू करने पर भी चर्चा हुई।

इसके अलावा कक्षा 11वीं और 12वीं में लेखांकन, व्यावसायिक अध्ययन और समाजशास्त्र के लिए परियोजना पुस्तिकाओं को अनिवार्य करने के प्रस्ताव पर भी विचार किया गया।

बैठक में शिक्षा सचिव राकेश कंवर, निदेशक स्कूल शिक्षा आशीष कुमार कोहली, बोर्ड सचिव डॉ. मेजर विशाल शर्मा, शैक्षणिक समिति सदस्य दीप कुमार, और शिक्षा विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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