Himachal: हिमाचल में महिलाओं पर बढ़ता खतरा: सड़क से घर तक, अपराध में लगातार इजाफा

शिमला, 20 नवंबर 2025: देवभूमि हिमाचल प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा चिंताजनक स्तर पर पहुंच गई है। पुलिस आंकड़ों के अनुसार, राज्य में महिलाओं के खिलाफ अपराध अब सिर्फ घर की चारदीवारी तक सीमित नहीं रह गए हैं, बल्कि सार्वजनिक स्थानों और सड़कों तक फैल चुके हैं।

आंकड़े बताते हैं कि 2015 से 30 सितंबर 2025 तक महिलाओं के खिलाफ अपराध में करीब 6% की वृद्धि हुई है। 2015 में कुल 1,314 मामले दर्ज हुए थे, जो 2024 में बढ़कर 1,645 हो गए। 2025 के पहले नौ महीनों में ही 1,401 मामले दर्ज किए जा चुके हैं, जो पिछले पूरे साल से सिर्फ 244 कम हैं।

विशेषकर अपहरण के मामले 2020 के मुकाबले 2025 में 66% बढ़े हैं। वहीं ईव-टीजिंग के मामले भी दोगुने हो चुके हैं। इस वर्ष पहले नौ महीनों में ही 111 ईव-टीजिंग मामले दर्ज हुए, जो पिछले साल से ज्यादा हैं।

पुलिस के आंकड़ों में महिलाओं की शिकायतें भी बढ़ी हैं। 2015 में 433, 2024 में 496, और 2025 के नौ महीनों में 409 महिलाएं शिकायत दर्ज कराने आईं। यह अपराध महिलाओं के खिलाफ सबसे अधिक दर्ज होने वाला मामला बन चुका है।

हत्या और आत्महत्या की घटनाएं:

2025 के पहले नौ महीनों में प्रदेश में 18 महिलाओं की हत्या हुई, जबकि 20 महिलाओं ने आत्महत्या की। 2015 में यह आंकड़े क्रमशः 25-30 और 66 थे।

बलात्कार के मामले:

प्रदेश में अब तक पुलिस के पास 306 महिलाओं के साथ दुष्कर्म के मामले दर्ज हैं। साल 2015 में यह संख्या 244 थी, जो 2018 में 345 और 2022 में 358 हो गई। आंकड़ों के अनुसार, महिलाओं के खिलाफ बलात्कार की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं।

हालांकि दहेज के लिए हत्या के मामले पिछले तीन वर्षों से लगभग शून्य हैं।

पुलिस और प्रशासन ने महिलाओं की सुरक्षा बढ़ाने के लिए कदम उठाए हैं, लेकिन आंकड़े यह दर्शाते हैं कि सड़क, सार्वजनिक स्थान और घर—हर जगह महिलाओं की सुरक्षा को गंभीर खतरा है।

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