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Kangra: हिमाचल में कारीगरों की बड़ी पहल: विश्वकर्मा कामगार यूनियन का गठन, रोजगार सुरक्षा की ली शपथ

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छतरी, हिमाचल प्रदेश | दिनांक 22 जून 2025 को हिमाचल के मिस्त्री समुदाय ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए “हिमाचल विश्वकर्मा कामगार यूनियन” का गठन किया। यह जनरल हाउस बैठक छतरी स्थित बाबा फर्नीचर हाउस में श्रीमान लव धीमान जी के सहयोग से संपन्न हुई, जिसमें प्रदेश के विभिन्न जिलों से लगभग 60 कारीगर और मिस्त्री शामिल हुए। इस यूनियन के गठन का मुख्य उद्देश्य स्थानीय कारीगरों के अधिकारों की रक्षा करना है, साथ ही बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों द्वारा उनके रोजगार पर कब्जा करने की प्रवृत्ति को रोकना है।

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बैठक के दौरान यह स्पष्ट रूप से कहा गया कि हिमाचल के संसाधनों पर पहला अधिकार हिमाचल के लोगों का है और इस अधिकार की सुरक्षा के लिए यूनियन हर संभव प्रयास करेगी। यह भी तय किया गया कि स्थानीय कारीगरों द्वारा स्थानीय लोगों को दी जाने वाली सेवाएं पारदर्शी और सुलभ हों, ताकि किसी प्रकार की असुविधा ना हो। यूनियन यह सुनिश्चित करेगी कि स्थानीय लोगों को गुणवत्तापूर्ण सेवाएं मिलें और कारीगरों को उनके परिश्रम का उचित सम्मान और अधिकार मिलें।

सभा की अध्यक्षता विश्वाकांत संस्था के महासचिव द्वारा की गई, जिन्होंने स्थानीय मिस्त्री समाज की एकता और अधिकारों की रक्षा के लिए इस यूनियन को एक महत्वपूर्ण पहल बताया। बैठक में बतौर मुख्य अतिथि अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संघ हिमाचल प्रदेश के सह निदेशक श्रीमान राजेश पठानिया और प्रदेश अध्यक्ष श्रीमान राजेंद्र पठानिया विशेष रूप से उपस्थित रहे। दोनों अतिथियों ने इस प्रयास की सराहना करते हुए इसे हिमाचल की सांस्कृतिक और सामाजिक पहचान को बनाए रखने की दिशा में एक सशक्त कदम बताया।

बैठक में निर्णय लिया गया कि स्थानीय हितों की रक्षा के लिए एक 15 सदस्यीय संचालन समिति का गठन किया जाएगा, जो यूनियन की गतिविधियों को प्रभावशाली रूप से आगे बढ़ाएगी। यह समिति यूनियन का जिला स्तर पर जल्द से जल्द पंजीकरण सुनिश्चित करेगी, ताकि इसे कानूनी रूप से मान्यता मिले और स्थानीय रोजगार की रक्षा का अभियान मजबूती से चलाया जा सके।

सभा में सभी सदस्यों ने एकमत होकर यह संकल्प लिया कि हिमाचल के संसाधनों और रोजगार पर हिमाचलियों का पहला अधिकार है और यह अधिकार किसी भी कीमत पर छीना नहीं जाने दिया जाएगा। यूनियन आने वाले समय में न केवल रोजगार की सुरक्षा करेगी, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगी कि स्थानीय कारीगरों के परिवार सुरक्षित रहें और उन्हें हर स्तर पर सामाजिक और आर्थिक सहयोग मिलता रहे।

इस तरह, हिमाचल विश्वकर्मा कामगार यूनियन का गठन एक जागरूक और संगठित समाज की दिशा में एक बड़ा कदम है, जो स्थानीय कारीगरों को एक मजबूत पहचान और अधिकारों की रक्षा की दिशा में संगठित करेगा।

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