
सोमवार को हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (एचपीयू) में शिक्षकों और कर्मचारियों ने मासिक वेतन समय पर न मिलने के विरोध में कक्षाओं का बहिष्कार किया। वेतन जारी न होने के कारण शिक्षक कक्षाओं से बाहर निकले और कुलपति कार्यालय के बाहर एकत्र होकर प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन शिक्षकों और कर्मचारियों ने संयुक्त रूप से किया। प्रदर्शन के दौरान उन्होंने वेतन समय पर जारी न होने के मुद्दे पर प्रदेश सरकार और उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों के खिलाफ नाराजगी जताई।
प्रदर्शनकारियों ने वेतन में हुई देरी की जांच की मांग की और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। प्रदर्शन के दौरान नारेबाजी भी की गई, जो करीब 3 घंटे तक चली। शिक्षकों और कर्मचारियों ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा हर महीने विश्वविद्यालय को अनुदान राशि जारी की जाती है, जबकि पहले यह तिमाही आधार पर दी जाती थी। अब विश्वविद्यालय के अधिकारियों को अनुदान राशि प्राप्त करने के लिए हर महीने सरकार के पास जाना पड़ता है, जबकि विश्वविद्यालय का वेतन भुगतान प्रदेश सरकार की जिम्मेदारी है।
प्रदर्शन में डॉ. नितिन व्यास, डॉ. अंकुश, डॉ. अंजलि, डॉ. राम, डॉ. गौरव, डॉ. अनिल, डॉ. जोगिंदर सकलानी, डॉ. शिव डोगरा, डॉ. शशिकांत सहित कई अन्य शिक्षक और कर्मचारी उपस्थित थे। इसके बाद, शिक्षक और कर्मचारियों ने विश्वविद्यालय के प्रो-वाइस चांसलर प्रो. राजेंद्र वर्मा से मुलाकात की और वेतन सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा की।
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