Himachal: 18 अगस्त से 12 दिन तक गरजेगा सदन! मानसून सत्र में छाएगी आपदा की गूंज, विपक्ष और सरकार आमने-सामने

हिमाचल विधानसभा का मानसून सत्र इस बार कुछ खास होने वाला है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल बैठक में फैसला लिया गया कि ये सत्र 18 अगस्त से शुरू होकर 2 सितम्बर तक चलेगा। कैबिनेट की मंजूरी और राज्यपाल की स्वीकृति के बाद विधानसभा सचिवालय ने इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी है।

इस बार सत्र में कुल 12 बैठकें होंगी—जो अब तक के मुकाबले दोगुनी हैं! अब तक आमतौर पर 5-6 बैठकें होती थीं, लेकिन इस बार हर सदस्य को सवाल पूछने और चर्चा करने का पूरा मौका मिलेगा। पहले दिन यानी 18 अगस्त को सदन की कार्यवाही दोपहर 2 बजे शुरू होगी और शोकोद्गार होंगे। 21 और 28 अगस्त को गैर-सरकारी कार्य दिवस के रूप में तय किया गया है।

आपदा पर होगा जोर, गरमा सकता है माहौल

इस सत्र में प्राकृतिक आपदा पर चर्चा की पूरी तैयारी है और माना जा रहा है कि सदन में इस मुद्दे पर जमकर बहस होगी। सत्ता और विपक्ष के बीच तीखी तकरार भी देखने को मिल सकती है।

“सरकार चर्चा से नहीं भाग रही” – हर्षवर्धन

संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने साफ किया कि सत्र की अवधि बढ़ाने का मकसद ही यह है कि आपदा जैसे गंभीर मुद्दों पर खुलकर चर्चा हो सके। उन्होंने कहा, “विपक्ष को ये गलतफहमी नहीं होनी चाहिए कि सरकार चर्चा से भाग रही है। हर मुद्दे पर गंभीरता से बातचीत होगी।”

“जनहित के मुद्दों को उठाएंगे” – सत्ती

भाजपा नेता और विधायक सतपाल सिंह सत्ती ने कहा कि विपक्ष जनहित से जुड़े सभी मुद्दों को सदन में उठाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार की खामियों को सामने लाना विपक्ष का हक है और इस बार आपदा से प्रभावित लोगों की मदद के लिए सरकार को राजनीति से ऊपर उठकर काम करना चाहिए।

“सवाल भेजने के लिए खुला मंच” – पठानिया

विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने बताया कि जैसे ही अधिसूचना जारी हुई है, सदस्य अपने सवाल ऑनलाइन या ऑफलाइन विधानसभा सचिवालय को भेज सकते हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि पक्ष और विपक्ष दोनों ही जनहित के मुद्दों को प्रमुखता से सदन में उठाएंगे।

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