हिमाचल प्रदेश में नशा तस्करी के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी और समन्वित कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 36 घंटे का इंटर-स्टेट और इंटर-डिस्ट्रिक्ट सुपर नाका अभियान चलाया। यह अभियान 17 नवंबर शाम 6 बजे से लेकर बुधवार सुबह 6 बजे तक बिना रुके जारी रहा।
प्रदेशभर में 208 सुपर नाके, करीब 28 हजार वाहन जांचे
अभियान के दौरान पुलिस ने 208 विशेष नाके लगाए, जहां 27,982 वाहनों की बारीकी से जांच की गई। जांच में:
• ड्रग डिटेक्शन किट
• डॉग स्क्वाड
• दस्तावेज़ और लगेज स्क्रीनिंग

जैसी आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया गया। पूरे ऑपरेशन की लगातार वीडियोग्राफी भी करवाई गई। पुलिस बटालियन, जिला पुलिस और एएनटीएफ के बीच बेहतरीन तालमेल देखने को मिला।
25 एनडीपीएस मामले दर्ज, 33 आरोपी गिरफ्तार
सुपर नाका अभियान के दौरान पुलिस ने नशे से जुड़े 25 मामले दर्ज किए और 33 लोगों को गिरफ्तार किया। बरामद सामग्री में शामिल है:
• 8.53 किलोग्राम चरस
• 67.14 ग्राम चिट्टा
• 2.658 किलोग्राम गांजा
• 21.78 ग्राम अफीम
• 100 नशीली गोलियां
इसके अलावा मोटर व्हीकल एक्ट के तहत 622 चालान भी काटे गए।

सीएम सुक्खू बोले—यह सिर्फ कानून-व्यवस्था नहीं, समाज की जिम्मेदारी
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस अभियान की सराहना करते हुए कहा कि नशा तस्करी के खिलाफ यह केवल पुलिस कार्रवाई नहीं बल्कि समाजिक जिम्मेदारी का हिस्सा है। उन्होंने साफ कहा कि नशे के खिलाफ लड़ाई में किसी भी तरह की ढिलाई नहीं दी जाएगी।
डीजीपी अशोक तिवारी ने जनता से सहयोग मांगा
डीजीपी अशोक तिवारी ने कहा कि हिमाचल पुलिस चिट्टा और नशा माफिया के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ रही है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस को दें, ताकि युवाओं को नशे से बचाया जा सके।
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