कांगड़ा जिले के धर्मशाला के पास सिद्धपुर फतेहपुर क्षेत्र में एक पूर्व सरकारी अधिकारी साइबर ठगों के जाल में फंस गया और अपनी मेहनत की कमाई लगभग एक करोड़ रुपये गंवा बैठा। अधिकारी को व्हाट्सएप के जरिए एक ऑनलाइन निवेश योजना का लिंक भेजा गया था, जिसमें भारी मुनाफे का झांसा दिया गया। शुरू में ठगों ने करीब दो लाख रुपये का नकली मुनाफा दिखाकर अधिकारी का भरोसा हासिल किया। इसके बाद उन्होंने कई किस्तों में अधिकारी से बड़ी रकम विभिन्न बैंक खातों में जमा करवाई।

विश्वास जीतने के बाद ठगों ने अधिकारी को तीन करोड़ रुपये का लाभ मिलने का झांसा दिया और इस तरह उसने कुल मिलाकर 94 लाख 30 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए। यह पूरा घटनाक्रम एक महीने के भीतर हुआ। जब मुनाफा नहीं मिला और ठगों से संपर्क भी टूट गया तो अधिकारी को ठगी का पता चला। इसके बाद उन्होंने साइबर क्राइम थाना उत्तर जोन धर्मशाला में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि शिकायतकर्ता राजस्थान का निवासी है और फिलहाल धर्मशाला के पास सिद्धपुर फतेहपुर क्षेत्र में रह रहा था। जांच के लिए डिजिटल साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं और ठगों की पहचान के प्रयास किए जा रहे हैं। पुलिस ने आम लोगों से अपील की है कि वे किसी भी अनजान व्यक्ति या प्लेटफॉर्म से आए निवेश ऑफर या लिंक पर भरोसा न करें और किसी भी आर्थिक लेन-देन से पहले उसकी पुष्टि अवश्य करें। साइबर ठगी से बचाव के लिए सतर्कता ही सबसे बड़ा हथियार है।
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