Himachal: केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला शिफ्टिंग विवाद: देहरा कैंपस में दाखिले कम, तीन कोर्स वापस धर्मशाला शिफ्ट

केंद्रीय विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश को धर्मशाला से देहरा शिफ्ट किए जाने की प्रक्रिया के बीच अब बड़ा बदलाव सामने आया है। अगस्त में नया शैक्षणिक सत्र शुरू होने के साथ ही विश्वविद्यालय प्रशासन ने कई विभागों को देहरा स्थानांतरित किया था, जिनमें पीजी डिप्लोमा कोर्स—बौद्ध अध्ययन, हिंदू अध्ययन और जनजातीय अध्ययन—भी शामिल थे। लेकिन देहरा कैंपस में इन विषयों में छात्रों ने लगभग कोई रुचि नहीं दिखाई। बौद्ध अध्ययन में तो एक भी एडमिशन नहीं हुआ। ऐसे में अब विवि प्रशासन ने इन तीनों कोर्सों को वापस धौलाधार कैंपस धर्मशाला में शिफ्ट कर दिया है।

इस कदम के बाद एक बार फिर से यह सवाल खड़ा हो गया है कि विश्वविद्यालय को पूरी तरह देहरा स्थानांतरित करने की योजना कितनी व्यवहारिक और छात्र-हितैषी है। धर्मशाला कैंपस को लेकर वर्षों से लंबित मुद्दे अभी भी सुलझ नहीं पाए हैं। 2009 से केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना होने के बावजूद धर्मशाला में प्रस्तावित स्थायी परिसर के लिए पर्यावरण मंत्रालय की अंतिम स्वीकृति लंबित है, क्योंकि राज्य सरकार की ओर से लगभग 30 करोड़ रुपये जमा नहीं करवाए गए। इस देरी के कारण करोड़ों का बजट होने के बावजूद निर्माण कार्य अधर में अटका हुआ है।

दूसरी ओर, देहरा कैंपस में निर्माण कार्य तेज़ी से जारी है और जनवरी 2026 से वहां पूर्ण शैक्षणिक गतिविधियां शुरू करने की तैयारी बताई जा रही है। फिलहाल विश्वविद्यालय प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि जिन विषयों का शैक्षणिक महत्व अधिक है और जिनमें धर्मशाला में बेहतर अकादमिक माहौल उपलब्ध है, उन्हें वहीं चलाया जाएगा। कुलपति प्रो. सत प्रकाश बंसल ने कहा कि कुछ विषयों में दाखिले कम हुए हैं, लेकिन धर्मशाला कैंपस में छात्रों की रुचि लगातार बढ़ रही है।

17 स्कूल, 90 विभाग का प्रस्ताव, लेकिन निर्माण अधूरा

स्वीकृत योजना के अनुसार विश्वविद्यालय में कुल 17 स्कूल स्थापित होने हैं, जिनके अंतर्गत 90 विभाग संचालित करने का प्रावधान है। हालांकि स्थायी भवन न होने के कारण फिलहाल करीब 12 से 13 स्कूलों के केवल कुछ विभाग ही चलाए जा रहे हैं।

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