धर्मशाला में फॉरेंसिक जांच को आधुनिक तकनीक से लैस करने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज क्षेत्रीय फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (आरएफएसएल) उत्तरी क्षेत्र में डिजिटल फॉरेंसिक डिवीजन और उन्नत उपकरण प्रयोगशाला का उद्घाटन किया।

करीब तीन करोड़ रुपये की लागत से तैयार यह डिजिटल फॉरेंसिक डिवीजन अत्याधुनिक तकनीक से सुसज्जित है। यहां ऐसे नवीन उपकरण लगाए गए हैं जो क्षतिग्रस्त मोबाइल फोन से भी महत्वपूर्ण डेटा निकाल कर उसका विश्लेषण कर सकते हैं। इसके अलावा 1.05 करोड़ रुपये की लागत से बनाई गई उन्नत उपकरण प्रयोगशाला में अत्याधुनिक वैज्ञानिक मशीनें स्थापित की गई हैं, जिनकी कुल कीमत लगभग 1.50 करोड़ रुपये बताई जा रही है।

इन नई सुविधाओं से हिमाचल प्रदेश के उत्तरी क्षेत्र में फॉरेंसिक जांच की विश्वसनीयता, पारदर्शिता और गति में बड़ा सुधार होने की उम्मीद है। खासतौर पर उन मामलों में जहां सजा सात वर्ष या उससे अधिक हो, यह तकनीक अपराध स्थल से प्रमाण जुटाने में जांच एजेंसियों के लिए बड़ी मदद साबित होगी।
फॉरेंसिक डिवीजन के बाद मुख्यमंत्री ने कांगड़ा स्थित जिला पंचायत संसाधन केंद्र (डीपीआरसी) के 3.92 करोड़ रुपये की लागत से बने नए भवन का उद्घाटन किया। साथ ही उन्होंने जिला परिषद कांगड़ा के डीपीओ आवास के निर्माण का शिलान्यास भी किया, जिस पर करीब 2.26 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

इस अवसर पर ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, विधायक सुरेश कुमार, मुख्य सचिव संजय गुप्ता और सचिव (ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज) सी. पॉलरासु मौजूद रहे।
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