गर्मियों के मौसम में ब्यास नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है, इसके बावजूद प्रवासी लोग न तो चेतावनियों को गंभीरता से ले रहे हैं और न ही सुरक्षा नियमों का पालन कर रहे हैं। प्रशासन द्वारा बार-बार चेताया गया है कि इस मौसम में नदी का जलस्तर अचानक बढ़ सकता है, जिससे जानमाल को खतरा हो सकता है। इसके बावजूद प्रवासी समुदाय के बच्चे बिना किसी निगरानी के ब्यास नदी में नहा रहे हैं और कपड़े धो रहे हैं, जिससे उनकी जान को गंभीर खतरा बना हुआ है।
यह चिंता का विषय है कि नगर परिषद प्रशासन के निर्देशों को गंभीरता से नहीं ले रही है। ब्यास नदी के किनारे बसे पंचायतों को विशेष निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने क्षेत्र के लोगों को इस संभावित खतरे के बारे में जागरूक करें, लेकिन नगर परिषद क्षेत्र में न तो कोई प्रचार किया गया और न ही कोई जागरूकता अभियान चलाया गया। परिणामस्वरूप, प्रवासी परिवार इस खतरे से अनभिज्ञ बने हुए हैं और लापरवाही से ब्यास नदी में अपने बच्चों को नहाने भेज रहे हैं।
एसडीएम नादौन राकेश शर्मा ने इस मामले में सख्ती बरतते हुए नगर परिषद और पुलिस विभाग को दोबारा निर्देश जारी किए हैं कि प्रवासी लोगों को स्थिति की गंभीरता से अवगत करवाया जाए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि इसके बाद भी कोई व्यक्ति चेतावनी की अनदेखी करता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन ने यह भी कहा है कि नदियों के किनारे अपने आप को या पालतू जानवरों को छोड़ना खतरनाक हो सकता है, इसलिए सभी को सतर्क रहना चाहिए।
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