बघाट बैंक ऋण रिकवरी में बड़ा खुलासा: 32 लाख का ऋण बना 1.08 करोड़, एआरसीएस ने जताई कड़ी आपत्ति

बघाट बैंक की ऋण रिकवरी में गंभीर अनियमितताओं का खुलासा तब हुआ जब सहायक पंजीयक सहकारी सभाएं (एआरसीएस) सोलन की अदालत में ऋण से जुड़े मामलों की सुनवाई हो रही थी। कंडाघाट क्षेत्र के एक ऋणधारक ने मशरूम प्लांट के लिए 32 लाख रुपए का ऋण लिया था, जो अब बढ़कर 1.08 करोड़ रुपए हो चुका है। इसमें अकेले 76 लाख रुपए ब्याज और अन्य खर्च बैंक द्वारा जोड़े गए हैं।

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ऋणधारक ने एआरसीएस को बताया कि वह भुगतान करने को तैयार है, लेकिन बैंक ये स्पष्ट नहीं कर रहा कि 76 लाख रुपए किस आधार पर जोड़े गए। इस पर एआरसीएस भी हैरान रह गए, क्योंकि ऋण की ब्याज दर के हिसाब से राशि इतनी अधिक नहीं हो सकती थी।

जब एआरसीएस ने बैंक के प्रतिनिधि से पूछा तो उन्होंने बताया कि बैंक ने ऋणधारक का मशरूम प्लांट कब्जे में लेकर लगभग 10 वर्षों तक सिक्योरिटी गार्ड की तैनाती की थी। उसका वेतन व अन्य खर्च भी ऋण राशि में जोड़ दिया गया है।

एआरसीएस ने इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि—

“इससे बेहतर तो बैंक प्लांट की कुर्की करके ऋण की रिकवरी कर लेता, क्यों एनपीए को बढ़ा रहा है?”

उन्होंने ऋणधारक को अपील करने की सलाह दी और आश्वासन दिया कि वे इस ब्याज की जांच करेंगे।

अश्वनी खड्ड में 8 बीघा जमीन पर 4.85 करोड़ का ऋण

एआरसीएस की विशेष अदालत में यह भी सामने आया कि सोलन के अश्वनी खड्ड में सिर्फ 8 बीघा भूमि पर बघाट बैंक ने 4.85 करोड़ रुपए का ऋण दिया, जो अब एनपीए हो चुका है।

एआरसीएस ने ऋणधारक और गारंटरों दोनों को चेतावनी दी कि—

• या तो ओटीएस के तहत भुगतान करें

• नहीं तो ऋणधारक और गारंटर दोनों की संपत्तियां अटैच होंगी

बैंक पहले ही संपत्ति अटैच करने की प्रक्रिया शुरू कर चुका है।

डिफॉल्टर को एआरसीएस ने दी चेतावनी—‘जेल जाने को तैयार रहिए’

एक अन्य मामले में एआरसीएस ने 18 लाख के ऋण डिफॉल्टर से सख्त लहजे में कहा कि या तो ऋण चुकाएं या जेल जाने को तैयार रहें।

डिफॉल्टर के पास गिरवी सिर्फ 1 बिस्वा जमीन थी, जिससे वसूली संभव नहीं थी।

एआरसीएस ने उसके ट्रक जब्त करने के आदेश जारी किए हैं।

10 लाख का चैक बाउंस

एक और मामले में 10 लाख का चैक ऋणधारक द्वारा बघाट बैंक को दिया गया, जो बाउंस हो गया।

एआरसीएस ने चेतावनी दी है कि राशि जमा न होने पर चैक बाउंस का मामला दर्ज किया जाएगा।

4 संपत्तियां अटैच, 3 गाड़ियां जब्त करने के आदेश

सुनवाई के दौरान एआरसीएस सोलन ने 4 डिफॉल्टरों की संपत्तियां और 3 गाड़ियों को तुरंत जब्त करने के निर्देश दिए।

सबसे बड़ी राहत: 25.90 लाख की रिकवरी एक साथ

एक ऋणधारक ने अदालत में 25.90 लाख रुपए का भुगतान कर बैंक को बड़ी राहत दी।

इसके अलावा 2 अन्य ऋणधारकों ने 50,000 और 20,000 नकद जमा किए।

49 मामलों की सुनवाई, 34 में रिकवरी—एक माह का समय दिया

एआरसीएस गिरीश नड्डा ने बताया कि कुल 49 मामलों की सुनवाई हुई, जिनमें से 34 मामले ऋण रिकवरी से जुड़े थे।

अधिकांश ऋणधारकों ने ओटीएस पर भुगतान करने का अवसर मांगा, जिसे मंजूरी देते हुए एक महीने का समय दिया गया।

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