बद्दी की एक धागा मिल में फोरक्लीप्टर की चपेट में आकर मजदूर की मौत हो जाने के बाद मामला इतना गरमा गया कि परिजनों ने मृतक के शव को उद्योग के गेट के बाहर रखकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। यह प्रदर्शन हिमाचल प्रदेश इंटक महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष विक्रम ठाकुर के नेतृत्व में किया गया। स्थिति बिगड़ती देख नालागढ़ के एसडीएम राजकुमार को मौके पर पहुंचना पड़ा। करीब एक घंटे चली बैठक के बाद प्रशासन और परिजनों के बीच समझौता हुआ, जिसके अनुसार मृतक के परिवार को कुल 14 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा।

यह घटना उस समय हुई जब मृतक दिनेश ठाकुर, जो बिहार राज्य के छपरा जिले के सईयापाली गांव का रहने वाला था, अपनी ड्यूटी के दौरान कंपनी परिसर में फोरक्लीप्टर की चपेट में आ गया। हादसे में गंभीर रूप से घायल होने के बाद उसे पहले काठा स्थित ईएसआईसी अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी हालत गंभीर बनी रही। इसके बाद उसे पीजीआई चंडीगढ़ रेफर किया गया, लेकिन वहां उपचार के दौरान उसकी उसी दिन मृत्यु हो गई।
शव को शुक्रवार को पीजीआई से नालागढ़ अस्पताल लाया गया, लेकिन समय की कमी के कारण पोस्टमार्टम नहीं हो सका। शनिवार को पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजनों को अंतिम संस्कार के लिए सौंप दिया गया। मृतक दिनेश ठाकुर अपने पीछे पत्नी, दो बेटियां और एक बेटा छोड़ गया है। परिजनों ने मांग की थी कि मृतक की पत्नी को मुआवजा दिया जाए और बच्चों के नाम पांच-पांच लाख रुपये की एफडी कराई जाए। इसी मांग को लेकर उन्होंने कंपनी के मुख्य गेट के सामने धरना दिया।
दिनेश ठाकुर कुछ माह से एक ठेकेदार के माध्यम से उक्त धागा उद्योग में कार्यरत था। वीरवार को ड्यूटी के दौरान कंपनी परिसर में सामग्री को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जा रहे फोरक्लीप्टर ने उसे कुचल दिया। घायल अवस्था में उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां पहले वह होश में था लेकिन पीजीआई में इलाज के दौरान अचानक उसकी हृदय गति रुक गई और मौत हो गई।
एएसपी अशोक वर्मा ने जानकारी दी कि इस मामले में कंपनी के ठेकेदार के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। प्रशासनिक हस्तक्षेप और प्रदर्शन के दबाव के चलते आखिरकार परिजनों को 14 लाख रुपये मुआवजा देने का निर्णय लिया गया है, जिसमें बच्चों के नाम फिक्स्ड डिपॉजिट भी शामिल होगी।
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