गगरेट थाना क्षेत्र में स्टोन क्रशर मालिक को धमकाने और मशीनरी को नुकसान पहुंचाने के मामले में अमरीश राणा और उसके सहयोगियों पर शिकंजा कसता जा रहा है। उच्च न्यायालय से जमानत याचिका रद्द होने के बाद गगरेट पुलिस ने अमरीश राणा और उसके साथी अमित मनकोटिया को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद शुक्रवार देर रात इस मामले में तीसरे आरोपी अमन राणा को भी पुलिस ने धर दबोचा। तीनों आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें तीन दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है।

इस पूरे मामले में तीनों आरोपियों पर आरोप है कि उन्होंने गगरेट क्षेत्र में स्थित एक स्टोन क्रशर के मालिक को धमकाया और क्रशर की मशीनरी को तोड़फोड़ कर नुकसान पहुंचाया। पुलिस का मानना है कि अमन राणा की गिरफ्तारी से अब इस केस की तमाम कड़ियों को जोड़ने में मदद मिलेगी और जांच को नई दिशा मिलेगी।
हालांकि, इस मामले में एक अपवाद भी सामने आया है। अमरीश राणा लगातार इंटरनेट मीडिया पर अपनी बेगुनाही का दावा करता रहा है। उसने सोशल मीडिया पर दस्तावेज और कॉल रिकॉर्डिंग साझा करते हुए यह दावा किया कि वह इस मामले में पूरी तरह से बेगुनाह है और उसे झूठा फंसाया जा रहा है। अमरीश का कहना है कि जिस दिन यह मामला दर्ज हुआ, उस दिन वह स्वयं थाना गगरेट में एक शिकायत पत्र देने गया था और इस दौरान उसने पुलिस को कई बार फोन भी किया।
फिलहाल यह मामला जांच के अधीन है और पुलिस सभी तथ्यों की गहराई से छानबीन कर रही है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजीव भाटिया ने इस पूरे घटनाक्रम की पुष्टि करते हुए बताया कि तीनों आरोपियों को तीन दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया है। पुलिस रिमांड के दौरान पूछताछ में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उन्हीं के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
अभी के हालात यह संकेत दे रहे हैं कि अमरीश राणा की मुश्किलें फिलहाल बढ़ गई हैं और आने वाले दिनों में यह मामला और पेचीदा हो सकता है।
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