हिमाचल प्रदेश के मंड़ी जिले में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक तेंदुआ गुरुवार रात मंड़ी के जलाकाशना गांव स्थित गऊशाला में घुस आया। गऊशाला में घुसते ही तेंदुआ और भेड़ें फंस गईं, और गऊशाला का दरवाजा अपने आप बंद हो गया। ग्रामीणों को जब इस बात का पता चला, तो उन्होंने तुरंत गऊशाला के दरवाजे को बंद कर दिया और वन विभाग को सूचित किया।
वन विभाग पनारसा की टीम रात करीब 2 बजे मौके पर पहुंची और स्थिति का जायजा लिया। इसके बाद, कुल्लू वन्यजीव टीम को सूचना दी गई। शुक्रवार सुबह कुल्लू की वन्यजीव टीम ने ट्रेंकुलाइज की मदद से तेंदुए को बेहोश किया और उसे बचा लिया। बाद में तेंदुए को चिकित्सीय जांच के लिए अस्पताल भेजा गया।
डीसीएफ मंड़ी वासु डोगर के अनुसार, गऊशाला में 4 भेड़ें थीं, जिनमें से तेंदुए ने 2 को मार दिया, जबकि बाकी 2 सुरक्षित हैं। तेंदुए की उम्र लगभग 12 से 15 वर्ष के बीच बताई जा रही है।
सूचना मिलने पर संबंधित खंड अधिकारी उम्मीद सिंह और वन रक्षक सुरभि रात को ही मौके पर पहुंचे। कुल्लू वन्यजीव प्रभाग की टीम ने डॉ. सुब्रमण्यम, चमन लाल, देश राज, जय प्रकाश और कमल के नेतृत्व में शुक्रवार सुबह बचाव कार्य शुरू किया और लगभग 2 घंटे में सफलतापूर्वक रैस्क्यू कर लिया।
इस रैस्क्यू कार्य के दौरान डीएफओ कुल्लू वन्यजीव राजेश और एसीएफ नवजोत सिंह भी मौके पर मौजूद रहे। इस घटना ने क्षेत्र में वन्यजीवों और मनुष्यों के बीच बढ़ती टकराव की समस्याओं को उजागर किया है, खासकर उन इलाकों में जो जंगलों के पास स्थित हैं।
वन विभाग ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए सतर्क रहें और उचित सुरक्षा उपाय अपनाएं।
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