नगर पंचायत स्वारघाट में बुधवार को प्रशासन ने तंबाकू उत्पाद बेचने वालों के खिलाफ सख्त अभियान चलाया। बीएमओ श्री नयनादेवी जी डॉ. आलोक सिंगला, तहसीलदार संजीव प्रभाकर और खाद्य एवं सुरक्षा अधिकारी खगेंद्र सिंह की अगुवाई में खंड स्तरीय फ्लाइंग स्क्वायड ने अप्पर और लोअर बाजार का औचक निरीक्षण किया। जांच के दौरान कोटपा अधिनियम की धारा 4 के तहत कई लोगों के चालान भी किए गए।
टीम ने दुकानदारों को साफ चेतावनी दी कि अब तंबाकू या उससे संबंधित किसी भी उत्पाद की बिक्री केवल पंजीकरण के बाद ही संभव होगी। इसके लिए दुकानदारों को नगर पंचायत या ग्राम पंचायत कुटैहला से प्रमाण पत्र लेना होगा। प्रमाण पत्र के लिए फॉर्म नंबर-1 के साथ एक शपथ पत्र जमा करना अनिवार्य है। इसकी फीस 500 रुपये तय की गई है और यह तीन साल तक वैध रहेगा। बिना पंजीकरण तंबाकू बेचते पकड़े जाने पर दुकानदार को धारा 4 और 5 के उल्लंघन का दोषी माना जाएगा, जिसमें तीन महीने तक की कैद और 50 हजार रुपये तक का जुर्माना लग सकता है।
स्वास्थ्य शिक्षक राम अवतार ठाकुर ने बताया कि खुली सिगरेट बेचना पूरी तरह प्रतिबंधित है। किसी भी स्कूल या शिक्षण संस्थान से 100 गज के दायरे में तंबाकू उत्पाद बेचना गैरकानूनी है। इसके अलावा 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को तंबाकू बेचना भी अपराध है। उन्होंने बताया कि कोटपा अधिनियम की धारा 3 और धारा 5 के उल्लंघन पर पहली बार 10 हजार रुपये और दोबारा अपराध पर 50 हजार रुपये तक का भारी जुर्माना लगाया जा सकता है।
निरीक्षण टीम में स्वास्थ्य शिक्षक राम अवतार ठाकुर, पुलिस कांस्टेबल रोहित शर्मा और हनी कुमार भी शामिल रहे। टीम ने दुकानदारों और स्थानीय लोगों को कोटपा अधिनियम और पीईसीए के प्रावधानों के बारे में जागरूक किया और तंबाकू मुक्त समाज बनाने में सहयोग की अपील की।
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