हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ ने बुधवार को प्रदेशभर की जिला इकाइयों के माध्यम से उपनिदेशक स्कूल शिक्षा को 38 सूत्रीय बड़ा मांगपत्र सौंपा। महासंघ का कहना है कि शिक्षकों की कई लंबित मांगों पर सरकार लंबे समय से चुप है, इसलिए अब मजबूरन सामूहिक रूप से आवाज उठानी पड़ी है।
अप्रैल 2010 से पहले नियुक्त शिक्षकों के लिए TET में छूट की मांग
प्रांत मीडिया प्रमुख शशि शर्मा ने बताया कि सरकार से प्रमुख मांग की गई है कि अप्रैल 2010 से पहले नियुक्त प्रारंभिक शिक्षकों पर TET पास करने की अनिवार्यता हटाई जाए। उनका कहना है कि यह नियम व्यावहारिक नहीं है और ऐसे शिक्षकों को राहत मिलनी चाहिए।
महंगाई भत्ते की किस्तें और बकाया तुरंत जारी करने की अपील
महासंघ ने आरोप लगाया कि जुलाई 2023 से देय 4% डीए की जगह सिर्फ 3% दिया गया, जबकि बकाया अब तक जारी नहीं हुआ है।
उन्होंने स्पष्ट कहा कि सभी लंबित डीए किस्तें जल्द भुगतान की जाएं।
900 स्कूलों में प्रिंसिपल के पद खाली—तुरंत पदोन्नति की मांग
मांगपत्र में बताया गया है कि प्रदेश के लगभग 900 स्कूल बिना प्रधानाचार्य के चल रहे हैं, जिससे प्रशासनिक कामकाज प्रभावित हो रहा है।
महासंघ ने कहा कि—
• प्रधानाचार्य की पदोन्नति तुरंत की जाए
• मुख्याध्यापक, प्रवक्ता, TGT और JBT की पदोन्नति प्रक्रिया भी नियमित हो
• 592 प्रवक्ताओं के डिमोशन नोटिस तत्काल रद्द किए जाएं
शिक्षा कोड में बदलाव की मांग
महासंघ ने कहा कि शिक्षा कोड 2012 को अपडेट कर बोर्ड कक्षाओं के साथ-साथ गैर-बोर्ड कक्षाओं के परिणामों को भी मूल्यांकन में शामिल किया जाए।
शिक्षकों के परिणाम आधारित दंड में संशोधन का सुझाव
यह भी सुझाव दिया गया कि—
• दो बार परीक्षा परिणाम 25% से कम होने पर सिर्फ चेतावनी
• तीसरी बार कम आने पर केवल एक वर्ष के लिए वार्षिक वेतन वृद्धि रोकी जाए
पुरानी इन्क्रीमेंट और वेतनमान से जुड़े मुद्दे जल्द निपटाने की मांग
महासंघ ने याद दिलाया कि विद्या-उपासकों की 2000 से 2007 तक की सात इन्क्रीमेंट अभी भी लंबित हैं, जिन्हें तुरंत जारी किया जाए।
इसके अलावा नए वेतनमान में लंबित भत्तों के भुगतान की भी मांग उठाई गई।
NGOs को स्कूल गतिविधियों से बाहर रखने की मांग
मांगपत्र में यह भी कहा गया कि—
• अंडर-14 टूर्नामेंट को मई में करवाया जाए
• अंडर-12 टूर्नामेंट फिर से शुरू हो
• प्रशिक्षण कार्यक्रम विभाग, समग्र शिक्षा या DIET के माध्यम से करवाए जाएं
• NGOs को स्कूल गतिविधियों से बाहर रखा जाए
महिला शिक्षकों को चाइल्ड केयर लीव और मोबाइल भत्ता की जरूरत
महासंघ ने कहा कि—
• सभी महिला शिक्षकों को चाइल्ड केयर लीव मिलनी चाहिए सभी शिक्षकों को मोबाइल भत्ता दिया जाए
• योग्य DPE शिक्षकों को प्रवक्ता (फिजिकल एजुकेशन) का पदनाम और समान वेतन मिले
• 300 से अधिक अर्जित अवकाश को भी सेवाकाल में जोड़ने की अनुमति हो
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