अब हर हाईवे बनेगा “ओपन बुक”! क्यूआर कोड स्कैन करते ही मिल जाएगी प्रोजेक्ट की पूरी जानकारी — एनएचएआई ने किरतपुर–सुंदरनगर–नागचला फोरलेन पर शुरू की नई सुविधा

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी की हाल ही में की गई घोषणा पर तेजी से कार्रवाई करते हुए नैशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) ने बड़ा कदम उठाया है। देश के हर हाईवे की प्रोजेक्ट रिपोर्ट को जनता के लिए पूरी तरह पारदर्शी बनाने के लक्ष्य के तहत किरतपुर–सुंदरनगर–नागचला फोरलेन पर कई स्थानों पर क्यूआर कोड स्कैनर लगा दिए गए हैं।

यह आधुनिक व्यवस्था अब यात्रियों, स्थानीय लोगों, पर्यटकों और वाहन चालकों के लिए बेहद उपयोगी साबित होगी।

हाईवे पर लगे क्यूआर कोड क्या बताएंगे?

हाईवे किनारे लगे इन क्यूआर कोड को अपने मोबाइल से स्कैन करते ही आपके सामने प्रोजेक्ट की हर जानकारी खुल जाएगी—

• निर्माण कंपनी और ठेकेदार का नाम

• कुल प्रोजेक्ट लागत

• कार्य पूरा होने की समय सीमा

• मेंटेनेंस और वारंटी अवधि

• सड़क की गुणवत्ता और निर्माण मानक

• काम में देरी या बदलाव के कारण

• किस अधिकारी से करें संपर्क

• मेंटेनेंस गारंटी किसके पास है और कब तक है

• सड़क पर किसी भी नुकसान या मरम्मत की जिम्मेदारी किसकी है

पहले यह सारी जानकारी हासिल करना लगभग नामुमकिन था, लेकिन अब सब कुछ एक ही स्कैन में।

आपातकाल और सुविधाओं की पूरी जानकारी भी एक क्लिक में

एनएचएआई के इस क्यूआर कोड को स्कैन करते ही यात्रियों को आसपास उपलब्ध हर सुविधा का रियल टाइम लोकेशन और दूरी भी मिल जाएगी—

• आपातकालीन नंबर

• टोल मैनेजर, प्रोजेक्ट मैनेजर, रेजिडेंट इंजीनियर के संपर्क नंबर

• राष्ट्रीय टोल फ्री नंबर

• नजदीकी अस्पताल, मेडिकल स्टोर

• पेट्रोल पंप, पुलिस स्टेशन

• रेस्टोरेंट, रेस्ट एरिया

• ट्रक ले-बाय, टॉयलेट सुविधा

• ई-चार्जिंग स्टेशन और वाहन सर्विस पॉइंट

• टायर पंचर रिपेयर

• नजदीकी शहर/कस्बे की दूरी

यह फीचर हाईवे सुरक्षा और सुविधाओं को एक नए स्तर पर ले जा रहा है।

शिकायत प्रक्रिया भी अब बिल्कुल आसान

पहले सड़क निर्माण से जुड़ी शिकायत कहां करें, किससे संपर्क करें—यह पता लगाना ही मुश्किल था।

अब क्यूआर कोड स्कैन करते ही—

• शिकायत का सीधा लिंक

• संबंधित अधिकारी का मोबाइल नंबर

स्क्रीन पर आ जाएगा। इससे समस्याओं का समाधान तेज और जिम्मेदारी तय करना आसान होगा।

एनएचएआई का बयान

परियोजना प्रबंधक वरुण चारी ने बताया—

“यह पहल सिर्फ हिमाचल नहीं, पूरे देश में लागू की जा रही है। हर हाईवे पर क्यूआर कोड लगाने का लक्ष्य है, ताकि पारदर्शिता और जवाबदेही मजबूत हो सके। हमारा उद्देश्य है कि हाईवे प्रोजेक्ट जनता के लिए हमेशा खुली किताब की तरह रहें।”

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