
भीषण प्राकृतिक आपदा से प्रभावित हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के सराज क्षेत्र में प्रशासनिक और राहत एजेंसियों के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग भी पूरी तत्परता से कार्य कर रहा है। जिला प्रशासन के अनुसार, बादल फटने की घटनाओं के बाद जहां सड़क संपर्क पूरी तरह से टूट गया है, वहीं स्वास्थ्य विभाग ने 24 मोबाइल मेडिकल टीमें गठित की हैं। इनमें से 10 टीमें जंजैहली, 10 थुनाग और 4 बगस्याड़ क्षेत्र में भेजी गई हैं, जो प्रभावित गांवों में पैदल पहुंचकर चिकित्सा सेवाएं प्रदान कर रही हैं।
इन टीमों में डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ शामिल हैं, जो दुर्गम इलाकों में डेरा जमाकर लोगों की स्वास्थ्य जांच कर रहे हैं और आवश्यकता अनुसार दवाइयों का वितरण कर रहे हैं। प्रभावित क्षेत्रों में गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। प्रशासन ने अब तक 9 गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित रूप से क्षेत्रीय अस्पताल मंडी और मेडिकल कॉलेज नेरचौक पहुंचाया है, जबकि एक महिला को जंजैहली से करसोग होते हुए आईजीएमसी शिमला भेजा गया है।
संक्रमण की आशंका को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने एहतियातन कदम उठाते हुए अब तक 2000 क्लोरीन टेबलेट और 49 प्राथमिक चिकित्सा किट वितरित की हैं। उपायुक्त अपूर्व देवगन ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर राहत और स्वास्थ्य सेवाओं को समन्वित रूप से संचालित किया जा रहा है। उन्होंने जानकारी दी कि प्रभावित क्षेत्रों के बाड़ा, परबाड़ा, बस्सी, सरोहा, अनाह, तांदी, केलोधार और धरोट स्वास्थ्य केंद्रों में दो महीने के लिए आवश्यक दवाइयों का पर्याप्त स्टॉक पहले से ही उपलब्ध करवा दिया गया है।
आपदा की इस स्थिति में प्रशासन द्वारा उठाए गए इन कदमों से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि किसी भी स्वास्थ्य आपात स्थिति में लोगों को त्वरित सहायता मिल सके। स्वास्थ्य विभाग की यह सक्रियता आपदा के इस कठिन समय में लोगों के लिए एक बड़ी राहत बनकर सामने आई है।
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