हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा के उपमंडल इंदौरा में प्रवासी गोलगप्पा विक्रेताओं द्वारा मिलावटी सामग्री के इस्तेमाल को लेकर स्थानीय लोग गंभीर चिंता जता रहे हैं। इंदौरा क्षेत्र के कई गांवों और बाजारों में सैंकड़ों की संख्या में प्रवासी लोग गोलगप्पे बेच रहे हैं, लेकिन इनमें से कई विक्रेता अधिक मुनाफा कमाने के लिए घटिया और हानिकारक खाद्य पदार्थों का इस्तेमाल कर रहे हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि ये विक्रेता गोलगप्पे के खट्टे पानी, जिसे कांजी कहा जाता है, में इमली की जगह टाटरी और कैमिकल मिलाते हैं ताकि पानी में तीखी खटास बनी रहे। इस मिलावटी पानी के सेवन से लोगों को गले में जलन और पेट खराब होने जैसी स्वास्थ्य समस्याएं हो रही हैं।

स्थानीय निवासी कुलविंदर राणा ने कहा कि गोलगप्पे के पानी में इमली का स्वाद नहीं आता और यह पानी पूरी तरह मिलावटी प्रतीत होता है। राजीव वशिष्ट का कहना है कि कांजी का स्वाद इमली जैसा बिल्कुल नहीं है, बल्कि किसी कैमिकल जैसा लगता है, जिससे स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। जसविंदर चंदेल ने भी इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि इस मिलावट के कारण लोगों का स्वास्थ्य खराब हो रहा है। वहीं सचिन कटोच ने प्रशासन से मांग की कि इंदौरा क्षेत्र में सभी गोलगप्पा रेहड़ी वालों के कांजी और मीठे पानी के नमूने लेकर उनकी जांच करवाई जानी चाहिए, ताकि पता चल सके कि जनता को क्या परोसा जा रहा है।
इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इंदौरा के एस.डी.एम. सुरेंद्र ठाकुर ने बताया कि दो दिन पहले ही खाद्य आपूर्ति विभाग के निरीक्षक के साथ मिलकर इंदौरा बाजार का निरीक्षण किया गया था, जहां कुछ दुकानों पर जुर्माना भी लगाया गया है। उन्होंने कहा कि अब फूड एंड सेफ्टी विभाग की टीम के साथ गोलगप्पा विक्रेताओं की रेहड़ियों की जांच की जाएगी और कांजी व मीठे पानी के सैंपल लिए जाएंगे। जांच में यदि किसी प्रकार की मिलावट पाई जाती है, तो नियमों के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
यह खबर स्थानीय लोगों की उस चिंता को उजागर करती है जो स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों को लेकर सामने आई है। प्रशासन ने इस विषय पर कार्रवाई का आश्वासन दिया है, लेकिन जब तक जांच के नतीजे सामने नहीं आते, तब तक लोगों को सतर्क रहना आवश्यक है।
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