शिमला में एसएफआई के छात्रों ने संजौली कॉलेज के बाहर प्रदर्शन किया, जिसमें उन्होंने 6 छात्रों के निष्कासन को वापस लेने की मांग की। इन छात्रों को कॉलेज में एक छात्रा से छेड़छाड़ के मुद्दे को उठाने पर निष्कासित किया गया था। प्रदर्शन के दौरान छात्रों और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की भी हुई, जहां पुलिस ने छात्रों को कॉलेज कैंपस में प्रवेश करने से रोका। इस प्रदर्शन में शहर के अन्य कॉलेजों के छात्र भी शामिल हुए।
एसएफआई के नेताओं कमल और राहुल ने कहा कि छात्र शांतिपूर्ण तरीके से विरोध कर रहे थे, लेकिन प्रशासन ने उन्हें निष्कासित करके उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन किया है। उन्होंने कहा कि लैंगिक संवेदीकरण समिति को और अधिक लोकतांत्रिक बनाते हुए उसमें छात्राओं को शामिल किया जाना चाहिए। कमल ने यह भी कहा कि प्रशासन माहौल को शांत करने के बजाय छात्रों को निशाना बना रहा है।
शिमला के एसडीएम को मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा और उन्होंने कॉलेज प्रशासन और छात्रों के बीच बातचीत करवाई। दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी बातें रखीं, जिसके बाद एसडीएम ने आपसी बातचीत से मुद्दे को सुलझाने की अपील की। इसके बाद एसएफआई ने प्रदर्शन समाप्त कर दिया।
एसएफआई राज्य सचिव दिनित ने चेतावनी दी कि अगर निष्कासन वापस नहीं लिया गया और हाथापाई में शामिल शिक्षकों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो वे कानूनी और कॉलेज स्तर पर लड़ाई जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि अगर इस कारण शैक्षणिक माहौल बाधित हुआ तो इसकी जिम्मेदारी कॉलेज प्रशासन की होगी।
कॉलेज की प्राचार्य भारती भागड़ा ने कहा कि निष्कासन के फैसले को कॉलेज की एडवाइजरी काउंसिल के साथ बैठक के बाद ही वापस लिया जाएगा। पहले निष्कासित छात्रों के अभिभावकों को कॉलेज आना होगा, उसके बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा।