
सोलन में अध्यापकों के लिए आयोजित ट्रेनिंग कार्यक्रम में फूड प्वाइजनिंग का बड़ा मामला सामने आया है। इस घटना में शिक्षा विभाग के संयुक्त निदेशक जगदीश नेगी भी इसकी चपेट में आ गए। 9 मार्च को ट्रेनिंग के उद्घाटन के दौरान उन्होंने होटल में लंच किया, जिसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई। तबीयत अधिक खराब होने पर 11 मार्च को उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालांकि अब उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
हैरानी की बात यह है कि 12 मार्च को जिन 11 अध्यापकों को फूड प्वाइजनिंग की वजह से अस्पताल में भर्ती करवाया गया था, उसी होटल में अब भी ट्रेनिंग जारी है। डाईट सोलन द्वारा जिले के 130 टीजीटी और सी एंड वी अध्यापकों के लिए पांच दिवसीय रेजिडेंशियल ट्रेनिंग कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसमें शिक्षकों को शिक्षा में बदलाव से जुड़े जैनरिक इशू पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
शिक्षा विभाग के संयुक्त निदेशक जगदीश नेगी ने 9 मार्च को पहले बैच की ट्रेनिंग का उद्घाटन किया था। लंच के बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई और वह उसी दिन से बीमार चल रहे थे। 11 मार्च को तबीयत ज्यादा खराब होने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया। इसी होटल में 12 मार्च को 11 अध्यापकों को भी फूड प्वाइजनिंग के कारण अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा।
डॉक्टरों ने बीमार अध्यापकों के ब्लड सैंपल एफएसएल जुन्गा जांच के लिए भेजे हैं, जिनकी रिपोर्ट अभी नहीं आई है। खाद्य सुरक्षा विभाग ने होटल से दाल और सब्जी के सैंपल लिए हैं, जिनकी रिपोर्ट का भी इंतजार किया जा रहा है। 13 मार्च को पहले बैच की ट्रेनिंग समाप्त हो गई, लेकिन अब उसी होटल में दूसरे बैच की ट्रेनिंग शुरू हो गई है।
संयुक्त निदेशक जगदीश नेगी ने इस पर सवाल उठाए हैं और कहा है कि पूरे मामले की जांच की जाएगी। उन्होंने इस ट्रेनिंग को किसी अन्य सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट करने की मांग भी की है।
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