शाहपुर (कांगड़ा) निवासी सूबेदार मेजर पवन कुमार ने देश की रक्षा में अपने प्राण न्यौछावर कर दिए, जिससे न केवल हिमाचल बल्कि पूरा देश गर्व महसूस कर रहा है। इस बलिदान को सम्मान देने की अपील करते हुए एंटी टेररिस्ट फ्रंट इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेश शांडिल्य और प्रदेशाध्यक्ष राजकुमार अग्रवाल ने केंद्र और प्रदेश सरकार से मांग की है कि शहीद के परिवार को बिना किसी औपचारिक प्रक्रिया या मांग के तुरंत एक करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता दी जाए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि परिवार को एक गैस एजेंसी या पेट्रोल पंप का लाइसेंस और एक आश्रित को सरकारी नौकरी भी तुरंत मिलनी चाहिए।
दोनों नेताओं ने कहा कि यह सहायता शहीदों के सम्मान की दिशा में एक जरूरी और जिम्मेदार कदम होगा। उन्होंने हिमाचल सरकार से अपील की कि एक स्थायी कानून बनाया जाए, जिसके तहत किसी भी शहीद के परिवार को स्वतः एक करोड़ रुपये और एक सरकारी नौकरी मिले, ताकि किसी परिवार को नुकसान के बाद सहायता के लिए भटकना न पड़े।
एंटी टेररिस्ट फ्रंट इंडिया ने यह भी घोषणा की कि वह सूबेदार मेजर पवन कुमार के परिजनों को “ब्रेव फैमिली अवार्ड” से सम्मानित करेगा।
इसके साथ ही वीरेश शांडिल्य ने केंद्र सरकार से मांग की कि भारत और पाकिस्तान के बीच 12 मई को प्रस्तावित डीजीएमओ स्तर की बैठक में सबसे पहली शर्त यह होनी चाहिए कि पाकिस्तान पहलगाम में 28 निर्दोष भारतीयों की हत्या करने वाले आतंकियों को भारत को सौंपे, चाहे वे जिंदा हों या मरे हुए।
शांडिल्य ने प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह की बातचीत से पहले आतंकवाद के मुद्दे पर भारत को निर्णायक रुख अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस बार सरकार को कड़ा संदेश देना चाहिए कि भारत अब आतंक के खिलाफ सख्ती से पेश आएगा और किसी नरमी की गुंजाइश नहीं रहेगी।
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