नाहन: नाहन मेडिकल काॅलेज खुलने के करीब 8 साल बाद भी यहां मरीजों को ज़रूरी सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। कैंसर जैसे जटिल रोगों के इलाज के लिए आज भी मरीजों को पड़ोसी राज्यों या निजी अस्पतालों के चक्कर काटने पड़ते हैं, क्योंकि यहां पेट (पॉजिट्रॉन एमिशन टोमोग्रॉफी) स्कैन मशीन की सुविधा नहीं है।
मरीजों को चंडीगढ़ या निजी अस्पतालों में पेट स्कैन कराने जाना पड़ता है, जहां निजी अस्पतालों में इसकी लागत ₹15,000 से ₹25,000 तक होती है। वहीं, सरकारी अस्पतालों में यह लागत ₹8,000 से ₹12,000 के बीच होती है। इसके अलावा, मरीजों को यात्रा का खर्च भी उठाना पड़ता है, जिससे यह प्रक्रिया आम लोगों की पहुंच से बाहर हो जाती है।
कैंसर विभाग में हर महीने लगभग 80 ओपीडी केस आते हैं, जिनमें से कई मरीजों को पेट स्कैन की आवश्यकता होती है। मेडिकल सुपरिंटेंडेंट, डॉ. अमिताभ जैन ने कहा कि उच्च अधिकारियों को इस समस्या से अवगत कराया गया है।
क्या है पेट स्कैन?
पेट स्कैन एक विशेष रेडियोलॉजी प्रक्रिया है जो प्रारंभिक अवस्था में ही बीमारी का पता लगाने में मदद करती है। यह तकनीक शरीर के छोटे से छोटे कैंसर को भी पहचान सकती है। इसमें मरीज को एक विशेष ग्लूकोज और रेडियो आइसोटोप का इंजेक्शन दिया जाता है, जो केवल कैंसर कोशिकाओं तक पहुंचता है। यह कोशिकाएं पॉजिट्रॉन छोड़ती हैं, जिन्हें रेडियो आइसोटोप पकड़ता है और कैंसर वाली कोशिकाओं की साफ तस्वीर सामने आती है।
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