देश के सस्ते राशन डिपो में पिछले दो महीनों से सरसों के तेल का संकट बना हुआ है। लाखों उपभोक्ता डिपो में तेल न मिलने के कारण खाली हाथ लौट रहे हैं। दालों की आपूर्ति में भी कमी आ गई है। यह संकट खासकर एपीएल, बीपीएल और टैक्स पेयर कार्ड धारकों को परेशान कर रहा है। सरकारी डिपो में सरसों का तेल 123 से 129 रुपये प्रति लीटर के दाम पर मिलता है, लेकिन इसकी आपूर्ति में रुकावट आने से लोग बाजार से 180 रुपये प्रति लीटर की महंगी दरों पर तेल खरीदने को मजबूर हैं।
सरकार ने त्यौहारी सीजन के दौरान यह दावा किया था कि उपभोक्ताओं को जरूरत के अनुसार तेल उपलब्ध करवाया जाएगा, लेकिन कुछ ही दिनों में यह सुविधा बंद हो गई। इस समस्या का मुख्य कारण टैंडर प्रक्रिया में देरी है। खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग के निदेशक राम कुमार गौतम ने कहा कि टैंडर प्रक्रिया जल्द पूरी कर ली जाएगी और उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी।

सरसों का तेल भारतीय रसोई का मुख्य हिस्सा है, और इसकी अनुपलब्धता से आम जनता की मुश्किलें बढ़ गई हैं। तेल के दामों में तेजी से महंगाई की मार झेल रहे गरीब परिवारों पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है। सरकारी डिपो में तेल की आपूर्ति न होने से उपभोक्ताओं में गहरी नाराज़गी है।
सरकार को चाहिए कि वह इस संकट का जल्द समाधान निकाले ताकि गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों को राहत मिल सके। सरकारी योजनाओं का उद्देश्य यही है कि कम कीमत पर जरूरतमंदों को आवश्यक वस्तुएं मिलती रहें।
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