अमेरिका की ट्रंप सरकार ने फार्मास्युटिकल कंपनी Moderna के साथ किया गया बर्ड फ्लू वैक्सीन निर्माण का कॉन्ट्रैक्ट खत्म कर दिया है। इसके साथ ही कंपनी से वैक्सीन की आपूर्ति करने का अधिकार भी रद्द कर दिया गया है। यह वही Moderna कंपनी है जिसने कोविड-19 महामारी के दौरान mRNA तकनीक से दुनिया की पहली सफल वैक्सीन तैयार की थी।
Moderna को जनवरी 2025 में बाइडन प्रशासन से बर्ड फ्लू यानी H5N1 वायरस के खिलाफ वैक्सीन विकसित करने के लिए 590 मिलियन डॉलर की फंडिंग मिली थी। इससे पहले, साल 2024 में भी कंपनी को वैक्सीन के अंतिम चरण के परीक्षण (फेज 3 ट्रायल) के लिए अमेरिका के स्वास्थ्य विभाग (HHS) की ओर से 176 मिलियन डॉलर की सहायता दी गई थी। इस सहयोग का उद्देश्य H5N1 एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए एक प्रभावी वैक्सीन तैयार करना था।
Moderna ने ट्रंप सरकार के इस फैसले के बाद प्रतिक्रिया दी है। कंपनी का कहना है कि वह अब वैक्सीन विकास के लिए अन्य विकल्पों की तलाश कर रही है। Moderna ने यह भी बताया कि उनके द्वारा विकसित की जा रही वैक्सीन का शुरुआती परीक्षण सफल रहा है और यह H5 एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस को टारगेट करती है।
अमेरिका में अप्रैल 2024 में पहली बार H5N1 बर्ड फ्लू के मामले सामने आए थे। अब तक 70 से अधिक लोग इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं, जिनमें से अधिकतर पोल्ट्री फार्म में काम करने वाले मजदूर हैं। फिलहाल यह वायरस इंसान से इंसान में नहीं फैल रहा है, जिससे आम जनता के लिए खतरा कम है। लेकिन जो लोग मुर्गियों या पक्षियों के संपर्क में रहते हैं, उनके लिए संक्रमण का जोखिम अधिक है।
सरकार के इस फैसले ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। वैक्सीन निर्माण को बीच में रोकने से यह आशंका बढ़ गई है कि क्या अमेरिका बर्ड फ्लू के संभावित खतरे से निपटने के लिए तैयार है। फिलहाल Moderna की वैक्सीन परियोजना का भविष्य अनिश्चित हो गया है और इस पर आगे क्या कदम उठाए जाएंगे, यह देखना बाकी है।
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