कांगड़ा जिले के किसानों के लिए इस रबी सीजन में एक बड़ी अपडेट सामने आई है। इस बार आलू के बीज पर सब्सिडी नहीं दी जाएगी। कृषि विभाग ने साफ कर दिया है कि रबी सीजन की प्रमुख नकदी फसल आलू के बीज पर इस वर्ष कोई अनुदान उपलब्ध नहीं होगा।

कांगड़ा में हर साल रबी में लगभग 800 हेक्टेयर जमीन पर आलू की खेती होती है। इसके लिए करीब 355 क्विंटल बीज की जरूरत रहती है, जिनमें से लगभग 86 क्विंटल बीज किसान अपने स्तर पर ही तैयार करते हैं। जिले में आलू की बिजाई सामान्यतः 15 दिसंबर तक उत्तम मानी जाती है, लेकिन परिस्थितियों के अनुसार किसान जनवरी तक भी बिजाई करते हैं।
इस साल बीज की कीमतें कितनी रहेंगी?
कृषि विभाग के अनुसार इस बार:
• सर्टीफाइड आलू बीज: ₹3500 प्रति क्विंटल
• फाउंडेशन सीड: ₹3700 प्रति क्विंटल
फाउंडेशन सीड बीज उत्पादन के लिए उपयोग होता है। अच्छी बात यह है कि इस बार बीज का मूल्य पिछले साल से कम है। पिछले वर्ष बीज ₹4000 प्रति क्विंटल की दर से उपलब्ध था और सब्सिडी के बाद किसानों को राहत मिलती थी। इस बार कीमतें पहले से कम हैं, इसलिए बिना सब्सिडी भी दाम अपेक्षाकृत कम ही पड़ेंगे।

कांगड़ा में आलू उत्पादन की खासियत
कांगड़ा जिला रोग-मुक्त और उच्च गुणवत्ता वाले बीज आलू उत्पादन के लिए जाना जाता है। यहां हर साल 40–50 हजार टन आलू पैदा होता है। इसमें से लगभग 90% उत्पादन 5 विकास खंडों में होता है।
नगरोटा और पठियार क्षेत्र खास तौर पर चिप्स बनाने वाले आलू के लिए प्रसिद्ध हैं।
कुफरी ज्योति किस्म यहां सबसे लोकप्रिय है—बैजनाथ, छोटा भंगाल मुल्थान घाटी और बरोट चौहार घाटी इसके प्रमुख उत्पादन क्षेत्र हैं।
कृषि उपनिदेशक डॉ. कुलदीप धीमान ने पुष्टि करते हुए कहा कि इस बार आलू का बीज पिछले वर्ष की तुलना में सस्ता है, लेकिन कोई अनुदान उपलब्ध नहीं कराया जाएगा।
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