Kangra: इंदौरा में खाद्य आपूर्ति संकट: भेजी गई गीली चीनी और खराब आटा

इंदौरा: राशन डिपो में खाद्य गुणवत्ता को लेकर बढ़ती चिंता

इंदौरा में खाद्य आपूर्ति विभाग को लेकर उठ रही शिकायतों ने एक नई गंभीरता हासिल कर ली है। हाल ही में, उपभोक्ताओं की ओर से रिपोर्ट आई है कि क्षेत्र के विभिन्न राशन डिपो में गीली चीनी और खराब आटा वितरित किया जा रहा है। यह चिंताजनक स्थिति गुणवत्ता नियंत्रण उपायों और निवासियों के स्वास्थ्य पर प्रभाव को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर रही है।

निवासियों ने अपनी निराशा व्यक्त की है, यह बताते हुए कि सरकार और खाद्य आपूर्ति विभाग को बार-बार शिकायत करने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। स्थिति अब गंभीर होती जा रही है, क्योंकि लोग महसूस कर रहे हैं कि स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है और यह सब मुनाफा कमाने के लिए किया जा रहा है।

उपभोक्ताओं ने बताया कि उन्हें मिले आटे में कूड़ा, रेत और यहां तक कि कीड़े भी पाए गए हैं। इसके अलावा, उन्हें मिली तेल और रिफाइंड उत्पादों की गुणवत्ता भी खराब रही है, जिससे असंतोष बढ़ रहा है। वे सरकार से मांग कर रहे हैं कि ठेकेदारों और आपूर्तिकर्ताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए जो जन स्वास्थ्य को नजरअंदाज कर रहे हैं और उनके टेंडर रद्द किए जाएं।

इंदौरा के एक डिपो संचालक ने कंदरोडी से मिलने वाले चावल में चिंताजनक कमी को उजागर किया। उपभोक्ताओं से 50 किलो के लिए वसूल की जाने वाली कीमत के बावजूद, उन्हें अक्सर 40 से 45 किलो चावल ही मिलते हैं। यह स्पष्ट कमी आपूर्ति श्रृंखला की विश्वसनीयता और अधिकारियों द्वारा की जा रही निगरानी पर सवाल उठाती है।

इन आरोपों के जवाब में, इंस्पेक्टर अजय कौंडल ने कहा कि चावल की सप्लाई में कमी श्रमिक की गलती के कारण हुई थी, जिसे चेतावनी दे दी गई है। उन्होंने आश्वासन दिया कि भविष्य में ऐसी समस्याओं को रोकने के लिए उपाय किए जाएंगे। गीली चीनी की शिकायतों के संबंध में कौंडल ने पुष्टि की कि विभाग के उच्च अधिकारियों को सूचित कर दिया गया है और उन्होंने आगामी सप्लाई में सुधार का आश्वासन दिया है।

सवाल यह है कि इंदौरा के निवासियों को खराब खाद्य गुणवत्ता को सहन करने के लिए और कितना समय लगेगा? समुदाय लगातार जिम्मेदारी और पारदर्शिता की मांग कर रहा है, दोनों खाद्य आपूर्ति विभाग और उनके दैनिक आवश्यकताओं के लिए जिम्मेदार ठेकेदारों से।

जैसे-जैसे चिंताएं बढ़ती जा रही हैं, अधिकारियों के लिए यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि वे जनता की भलाई सुनिश्चित करने के लिए तुरंत कार्रवाई करें। कई परिवार राशन डिपो पर अपने मौलिक खाद्य पदार्थों के लिए निर्भर हैं, इसलिए गुणवत्ता और सुरक्षा सुनिश्चित करना सर्वोपरि है।

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