हिमाचल प्रदेश के औद्योगिक शहर बद्दी और नालागढ़ में अवैध खनन की समस्या दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। प्रतिदिन लाखों रुपये की खनिज संपत्ति का अवैध तरीके से दोहन किया जा रहा है, जिससे न केवल पर्यावरण को नुकसान हो रहा है, बल्कि इलाके के इंफ्रास्ट्रक्चर भी प्रभावित हो रहे हैं। हिम परिवेश संस्था के लछमी सिंह ने चेतावनी दी है कि यदि यही हालात जारी रहे, तो एसपी बद्दी का कार्यालय भी एक दिन अवैध खनन की भेंट चढ़ सकता है और बाल्द नदी में बहता हुआ दिखाई देगा।
बद्दी और नालागढ़ के काठा और भटौली क्षेत्रों के लोग इस मुद्दे पर खुलकर सामने आ रहे हैं, लेकिन संबंधित विभागों द्वारा इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है। पिछले कुछ सालों में बाल्द नदी, रत्ता और सरसा नदी पर बने करोड़ों रुपये के पुल बरसात में अवैध खनन के कारण बह चुके हैं। अब भी कई पुलों की हालत खराब हो रही है और यह फिर से ध्वस्त हो सकते हैं।
अवैध खनन से केवल नदी और जलस्रोतों का ही नुकसान नहीं हो रहा, बल्कि लोगों की जमीनों, सरकारी संपत्तियों और स्थानीय पर्यावरण को भी भारी नुक्सान हो रहा है। बालकृष्ण शर्मा, महासचिव हिम परिवेश संस्था, ने कहा कि महादेव नदी, चिकनी खड्ड, बाल्द नदी, रत्ता और सरसा नदी में प्रतिदिन अवैध खनन हो रहा है। लोग पुलिस, खनन विभाग और एसडीएम से शिकायत कर रहे हैं, लेकिन इन अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।
भा.ज.पा. जिला सचिव गुरमेल चौधरी ने चिंता जताई कि जिले में युवा एसपी नियुक्त हुए हैं और जनता को उनसे उम्मीदें हैं। बावजूद इसके, उनके कार्यालय के करीब ही अवैध खनन की गतिविधियाँ जारी हैं। यह स्थिति चिंताजनक है। क्रशर तक यह खनिज सामग्री पहुंचाई जा रही है और सीसीटीवी कैमरों में सारी गतिविधियाँ रिकॉर्ड हो रही हैं, फिर भी पुलिस इनका कोई संज्ञान नहीं ले रही है।
यदि यह हालात ऐसे ही जारी रहे, तो यह मामला हाईकोर्ट तक जाएगा। स्थानीय लोग और पर्यावरण कार्यकर्ता जल्द ही रिपोर्ट तैयार कर नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल और हाईकोर्ट में प्रस्तुत करेंगे।
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