हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के चलते जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में बादल फटने और ग्लेशियर गिरने की घटनाएं सामने आई हैं, जिससे नुकसान की खबरें आ रही हैं। कांगड़ा जिले के बैजनाथ उपमंडल के छोटा भंगाल की लुआई पंचायत में बादल फटने की घटना हुई है। इस आपदा के कारण पहाड़ों से भारी मात्रा में पानी और मलबा नीचे की ओर बहने लगा, जिससे नाले का जलस्तर काफी बढ़ गया। इस घटना के कारण लोगों के घरों और अस्पताल परिसर में मलबा घुस गया, जिससे स्थिति गंभीर हो गई। मलबे की चपेट में आकर चार वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं। प्रशासन की टीम ने प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया और राहत कार्य शुरू किए।

भरमौर और किन्नौर में भी प्राकृतिक आपदा का प्रभाव देखने को मिला है। भरमौर की बड़ग्रां पंचायत के पलानी नाला और तुंदा पंचायत के मंदा नाला में ग्लेशियर गिरने की घटनाएं सामने आई हैं, जिससे इन मार्गों पर आवागमन बाधित हो गया है। वहीं, किन्नौर जिले के यांगपा और जंगी नाले में हिमखंड गिरने से भीषण बर्फबारी जैसे हालात बन गए हैं। जंगी नाले में ग्लेशियर गिरने से एनएच-5 पर यातायात पूरी तरह ठप हो गया है, जिससे स्थानीय लोगों और यात्रियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

धर्मशाला में भारी बारिश के कारण मनूणी खड्ड का जलस्तर अचानक बढ़ गया, जिससे खनियारा क्षेत्र में तीन टिप्पर और एक जेसीबी पानी में फंस गए। लगातार हो रही बारिश के कारण धर्मशाला के आसपास की खड्डों और नालों का जलस्तर भी खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है। प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने और नदी-नालों के पास जाने से बचने की सलाह दी है।
गग्गल के पास मांझी खड्ड में बाढ़ आने से एक पोकलेन मशीन फंस गई। यहां आईटी पार्क के लिए पुल निर्माण का कार्य चल रहा था, लेकिन अचानक पानी बढ़ने के कारण यह मशीन बाढ़ में फंस गई। प्रशासन राहत और बचाव कार्य में जुटा हुआ है और स्थिति पर नजर बनाए हुए है। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश की संभावना जताई है, जिसके चलते प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है।
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