हिमाचल प्रदेश के भू-अभिलेख निदेशालय की निदेशक रितिका ने सभी भूमि मालिकों से अनुरोध किया है कि वे सरकारी आदेशों के अनुसार अपनी जमाबंदी की केवाईसी संबंधित पटवारखाना से करवाना सुनिश्चित करें। बिना केवाईसी के कोई भी जमाबंदी पटवारी द्वारा सत्यापित नहीं की जाएगी।
भू-अभिलेख निदेशालय ने भूमि मालिकों से अनुरोध किया है कि इस महत्वपूर्ण जानकारी को अधिक से अधिक लोगों तक साझा किया जाए। भूमि मालिकों की सहमति आधारित आधार सीडिंग के संबंध में सभी जिला कलैक्टर को प्रेषित पत्र में कहा गया है कि सरकार भूमि रिकॉर्ड, पंजीकरण और विभिन्न प्रमाण पत्र जारी करने जैसे कार्यों में सार्वजनिक सेवा और शासन में सुधार करना चाहती है। इसके लिए भूमि मालिकों की आधार संख्या के साथ संबंधित डाटा को प्रमाणित करना आवश्यक है।
इस संबंध में निर्णय लिया गया है कि संबंधित उपमंडल अधिकारी (सिविल) और तहसीलदारों को मिशन मोड में सहमति आधारित आधार सीडिंग पहल पर अपना व्यक्तिगत ध्यान देने और सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए निर्देशित किया जाएगा। इसके साथ ही, भूमि मालिकों को इस अभियान के लाभों के बारे में जागरूक करने का भी अनुरोध किया गया है, ताकि वे बिना किसी हिचकिचाहट के इस अभियान में भाग लें।
इस अभियान के तहत पटवारियों को 2 रुपये प्रति जमाबंदी के मानदेय के रूप में भुगतान किया जाएगा, क्योंकि उन्हें घर-घर जाकर सर्वेक्षण करना होगा और स्थानीय शिविरों का आयोजन करना होगा। मानदेय वितरण के लिए प्रारूप और प्रक्रिया अलग से जारी की जाएगी।
डाडासीबा तहसील के तहसीलदार बीरबल ने बताया कि विभागीय दिशा-निर्देशों के अनुसार केवाईसी कार्य शुरू कर दिया गया है।
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