Himachal: हिमाचल का तकनीकी सफर: ड्रोन स्टेशन और एआई कॉलेज से बदलेगा कृषि और युवाओं का भविष्य

हिमाचल प्रदेश सरकार ने कृषि और बागवानी क्षेत्रों में कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए ड्रोन तकनीक के इस्तेमाल को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक अहम पहल की है। इस योजना के अंतर्गत राज्य के तीन प्रमुख जिलों — हमीरपुर, मंडी और कांगड़ा में विशेष ड्रोन स्टेशन स्थापित किए जाएंगे। सरकार का मानना है कि ड्रोन के उपयोग से कृषि कार्यों को न केवल आधुनिक बनाया जा सकता है बल्कि यह किसानों के लिए अधिक लाभकारी भी सिद्ध होगा। ड्रोन तकनीक से कीटनाशक छिड़काव, फसल की निगरानी और आपदा की स्थिति में त्वरित मूल्यांकन जैसे कार्यों को अधिक प्रभावी ढंग से अंजाम दिया जा सकता है।

राज्य सरकार के प्रवक्ता के अनुसार, मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में प्रदेश सरकार एक कुशल कार्यबल तैयार करने के लिए लगातार कार्य कर रही है। सरकार का उद्देश्य नवाचार को बढ़ावा देना और आधुनिक तकनीकों को किसानों और युवाओं तक पहुंचाना है। ड्रोन तकनीक को कृषि, आपदा प्रबंधन और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में अत्यंत उपयोगी माना जा रहा है। ‘ग्रीन हिमाचल विजन’ को साकार करने के लिए ड्रोन टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देना सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है।

इसके अतिरिक्त, सरकार इस वित्तीय वर्ष में ड्रोन टैक्सी सेवा शुरू करने की योजना पर भी काम कर रही है। यह सेवा विशेष रूप से प्रदेश के दुर्गम और पहाड़ी क्षेत्रों में दवाइयों तथा कृषि उत्पादों की तेजी से आपूर्ति सुनिश्चित करने में मददगार होगी। इससे इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को राहत मिलने के साथ-साथ आवश्यक संसाधनों तक बेहतर पहुंच सुनिश्चित हो सकेगी।

राज्य सरकार युवाओं को भी इस तकनीक में दक्ष बनाने के लिए गंभीर प्रयास कर रही है। वर्ष 2024–25 में प्रदेश के राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों से 243 युवाओं ने ड्रोन तकनीक से संबंधित विशेष प्रशिक्षण प्राप्त किया है। ये युवा न केवल इस उभरती तकनीक को अपनाने में सक्षम होंगे, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में इसके उपयोग को बढ़ावा देने में भी योगदान देंगे।

तकनीकी शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिए सरकार ने शिक्षा क्षेत्र में भी नए पाठ्यक्रमों की शुरुआत की है। जिला कांगड़ा के नगरोटा बगवां में स्थित राजीव गांधी राजकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डाटा साइंस के लिए एक नया संस्थान स्थापित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, जिला शिमला के प्रगतिनगर में अटल बिहारी वाजपेयी राजकीय अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान में सिविल इंजीनियरिंग में डिग्री कोर्स और जिला मंडी के सुंदरनगर स्थित राजकीय पॉलिटेक्निकल संस्थान में कंप्यूटर साइंस एवं इंजीनियरिंग (एआई एंड मशीन लर्निंग) में डिप्लोमा कोर्स शुरू करने की स्वीकृति दी गई है। इन पाठ्यक्रमों के संचालन के लिए आवश्यक शिक्षकों और सहायक स्टाफ की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।

इस समग्र योजना से स्पष्ट है कि हिमाचल प्रदेश सरकार न केवल पारंपरिक कृषि और बागवानी क्षेत्रों में तकनीकी सुधार लाने के लिए प्रयासरत है, बल्कि वह युवाओं को आधुनिक तकनीकों से जोड़कर रोजगार के नए अवसर भी सृजित कर रही है। ड्रोन तकनीक और एआई शिक्षा के मेल से हिमाचल प्रदेश में तकनीकी विकास की एक नई दिशा तय की जा रही है, जिससे राज्य का सामाजिक और आर्थिक परिदृश्य मजबूत होगा।

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