Kinnaur: मुख्यमंत्री सुखविंद्र सुक्खू 10 जून को शिपकी-ला से सीमा पर्यटन की करेंगे शुरुआत, सद्भावना साइकिल रैली को दिखाएंगे हरी झंडी

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू आगामी 10 जून, 2025 को किन्नौर जिले के शिपकी-ला दर्रे से सीमा पर्यटन गतिविधियों की शुरुआत करेंगे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री एक सद्भावना साइकिल रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। यह पहल राज्य सरकार द्वारा सीमावर्ती क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की जा रही है। राज्य सरकार ने लेप्चा, शिपकी-ला, गिउ और रानी कंडा जैसे संवेदनशील सीमावर्ती क्षेत्रों में पर्यटन गतिविधियों की अनुमति के लिए रक्षा मंत्रालय से अनुरोध किया था, जिसे अब मंजूरी मिल चुकी है। इन क्षेत्रों में प्रवेश करने वाले पर्यटकों को अपने आधार कार्ड प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा, जिसके उपरांत वे इन क्षेत्रों के प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले सकेंगे।

मुख्यमंत्री ने शिमला में सेना अधिकारियों और सीमा सड़क संगठन (BRO) के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें उन्होंने सीमावर्ती क्षेत्रों में चल रही विकास परियोजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने BRO और लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे इन परियोजनाओं को तेजी से पूरा करने के लिए आपसी समन्वय बनाए रखें, ताकि सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों और सैन्य बलों को लाभ मिल सके।

मुख्यमंत्री ने यह भी जानकारी दी कि वे अपने आगामी नई दिल्ली दौरे के दौरान केंद्र सरकार से हिमाचल स्काउट बटालियन की स्थापना का आग्रह करेंगे। उन्होंने कहा कि स्थानीय युवा इन कठिन भौगोलिक परिस्थितियों से भली-भांति परिचित हैं, और उनकी भागीदारी सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा और आपदा प्रबंधन में अत्यंत सहायक होगी। इसके अतिरिक्त, मुख्यमंत्री ने रंगरीक (स्पीति घाटी) में हवाई अड्डा स्थापित करने का मुद्दा भी केंद्र के समक्ष उठाने की बात कही, जिससे क्षेत्रीय पर्यटन को गति मिलेगी।

बैठक में निथलथाच-हर्षिल सड़क परियोजना को सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण घोषित करने पर सहमति बनी। मुख्यमंत्री ने इसे प्राथमिकता के आधार पर पूरा करने के निर्देश दिए, जिससे हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के बीच संपर्क और व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने संसारी–किलाड़–थिरोट–तांदी सड़क परियोजना पर भी चर्चा की और बताया कि इसका 35 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। BRO को निर्देश दिए गए कि वे इस परियोजना को शीघ्र गति से पूरा करें, ताकि स्थानीय लोगों को बेहतर सड़क सुविधा उपलब्ध करवाई जा सके।

मुख्यमंत्री ने सेना अधिकारियों से राज्य विपणन बोर्ड के माध्यम से केवल दूध ही नहीं, बल्कि जौ, गेहूं और मक्का जैसे प्राकृतिक कृषि उत्पादों की भी खरीद करने का आग्रह किया। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार प्राकृतिक कृषि को प्रोत्साहित कर रही है और इन उत्पादों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य उपलब्ध करा रही है, जिससे स्थानीय किसानों को आर्थिक मजबूती मिल रही है।

बैठक में उत्तर भारत क्षेत्र के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल जी.डी. मिश्रा ने जानकारी दी कि सेना किन्नौर क्षेत्र में एक सेब प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित करेगी। इसके अलावा, सीमावर्ती क्षेत्रों के नागरिकों को लाभ पहुंचाने के लिए जून माह में मोतियाबिंद ऑपरेशन के लिए एक चिकित्सा शिविर का भी आयोजन किया जाएगा।

इस बैठक में बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी, अतिरिक्त मुख्य सचिव के.के. पंत, मध्य कमान के मुख्य अभियंता जयचंद्रन, मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपाल शर्मा, लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता एन.पी. सिंह तथा सेना और BRO के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। सरकार की यह पहल न केवल सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास में सहायक होगी, बल्कि स्थानीय लोगों की आर्थिकी को भी सशक्त बनाएगी।

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