सोलन, हिमाचल प्रदेश के बघाट को-ऑपरेटिव बैंक में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर लगभग 1.5 करोड़ रुपये का लोन लेने का मामला सामने आया है। इस घोटाले में बैंक को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। पुलिस द्वारा मामले की जांच के बाद धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है और आगे की कार्यवाही शुरू कर दी गई है।
एसपी गौरव सिंह ने बताया कि बैंक शाखा प्रमुख हरीश कुमार ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है। शिकायत के अनुसार, गांव कलावन, ठियोग के निवासी सत्यप्रकाश ने फ्लैट निर्माण के लिए बैंक से दो लोन लिए थे—₹55 लाख 21 अक्तूबर, 2016 को और ₹1 करोड़ 19 दिसम्बर, 2017 को।
हालांकि, सत्यप्रकाश ने लोन की अदायगी नहीं की। जब बैंक ने बकाया राशि वसूलने के लिए प्रक्रिया शुरू की, तो राजस्व विभाग से पता चला कि सत्यप्रकाश द्वारा प्रस्तुत किए गए संपत्ति दस्तावेज, जैसे कि “जमाबंदी,” पूरी तरह से फर्जी थे।
बैंक ने तुरंत पुलिस को सूचित किया, और शिकायत के आधार पर धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े के तहत मामला दर्ज किया गया। पुलिस अब यह जांच कर रही है कि इस धोखाधड़ी में और कौन-कौन शामिल हो सकता है और बैंक का नुकसान कैसे वसूला जाए।
एसपी गौरव सिंह ने बताया, “जांच जारी है, और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। हम सुनिश्चित करेंगे कि बैंक को न्याय मिले।”
यह घटना सहकारी बैंकों में लोन प्रक्रिया की खामियों और मौजूदा वित्तीय प्रणाली की कमजोरियों को उजागर करती है।
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