धोखाधड़ी और दस्तावेजों की जालसाजी के मामले में विजीलैंस द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपी डॉ. विवेक शर्मा को पुलिस रिमांड समाप्त होने के बाद शनिवार को अदालत में पेश किया गया। मामले की सुनवाई के बाद अदालत ने आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेजने के आदेश जारी कर दिए। डॉ. विवेक शर्मा, निवासी बसंतपुर सरकाघाट, पर आरोप है कि उन्होंने ईडब्ल्यूएस का जाली प्रमाण पत्र बनवाकर आयुर्वेद विभाग में सरकारी नौकरी हासिल की थी।
शिकायत मिलने के बाद विजीलैंस विभाग ने मामले की जांच शुरू की, जिसमें आरोप सही पाए गए। इसके बाद 6 मई 2025 को विजीलैंस में आरोपी के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया। जांच में यह सामने आया कि नियुक्ति के दौरान प्रस्तुत किए गए दस्तावेज फर्जी थे।
मामला दर्ज होने के बाद डॉ. विवेक शर्मा ने गिरफ्तारी से बचने के लिए कानूनी रास्ते अपनाए। पहले उनकी जमानत याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दी, जिसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, लेकिन वहां से भी उन्हें राहत नहीं मिली। इसके बाद विजीलैंस टीम ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
विजीलैंस मंडी के एसपी सचिन हिरेमठ ने बताया कि विभाग अब इस मामले से जुड़े अन्य दस्तावेजों और साक्ष्यों की गहन जांच कर रहा है। उन्होंने कहा कि जांच के दौरान यदि और तथ्य सामने आते हैं तो उसके अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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