बिलासपुर शहर में डोर-टू-डोर कूड़ा एकत्रीकरण योजना लंबे समय से सफलतापूर्वक चल रही है, लेकिन इसके बावजूद कुछ लोग अभी भी खुले में कूड़ा फेंकने की आदत से बाज नहीं आ रहे हैं। शहर में खुले में कूड़ा फेंकने पर पकड़े जाने का डर होता है, इसलिए अब यह कूड़ा शहर की सीमा से लगे ग्रामीण क्षेत्रों में ले जाकर फेंका जा रहा है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण बामटा पंचायत के अंतर्गत आने वाले बैहल-कंडेला गांव में देखा गया है, जहां मुख्य सड़क के किनारे बोरियों और लिफाफों में भरकर रात के अंधेरे में कूड़ा डंप किया जा रहा है।
स्थानीय लोगों के अनुसार, शहर से गाड़ियां रात में आकर यहां कूड़ा फेंक जाती हैं, जिससे ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बरसात के मौसम में यह कूड़ा सड़ने लगता है, जिससे भयंकर दुर्गंध फैल रही है। गांव के निवासी सुनील भारद्वाज ने बताया कि यह स्थिति अब असहनीय हो गई है। लगातार सड़ती गंदगी और बदबू के कारण आसपास के घरों में रहना मुश्किल हो गया है। इसके साथ ही बरसाती बीमारियों के फैलने का खतरा भी गांव में मंडरा रहा है।
उन्होंने बताया कि इस गंभीर समस्या की शिकायत मुख्यमंत्री शिकायत हेल्पलाइन नंबर 1100 पर भी की जा चुकी है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि जो लोग इस तरह से कूड़ा लाकर ग्रामीण क्षेत्रों में फेंक रहे हैं, उनकी पहचान की जाए और उन पर सख्त कार्रवाई की जाए।
बैहल-कंडेला क्षेत्र के लोगों का कहना है कि गांव की सफाई व्यवस्था को नुकसान पहुंचाने वाले ऐसे लोगों को रोका जाना चाहिए, ताकि ग्रामीण भी स्वच्छ वातावरण में जीवन व्यतीत कर सकें। ग्रामीणों ने प्रशासन से अपील की है कि जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान किया जाए, ताकि बरसात के इस मौसम में बीमारियों से बचाव संभव हो सके।
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