Home हिमाचल कुल्लू Himachal: ब्यास नदी में जान जोखिम में डालकर सेल्फी ले रहे पर्यटक, कुल्लू-मनाली बन रहा खतरनाक स्पॉट

Himachal: ब्यास नदी में जान जोखिम में डालकर सेल्फी ले रहे पर्यटक, कुल्लू-मनाली बन रहा खतरनाक स्पॉट

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Himachal: ब्यास नदी में जान जोखिम में डालकर सेल्फी ले रहे पर्यटक, कुल्लू-मनाली बन रहा खतरनाक स्पॉट

हिमाचल प्रदेश के कुल्लू-मनाली में ब्यास नदी के किनारे फोटोग्राफी और सेल्फी लेने के चक्कर में सैलानी लगातार अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं। प्रशासन द्वारा बार-बार चेतावनी देने और कई स्थानों पर साइन बोर्ड लगाने के बावजूद पर्यटक इन चेतावनियों को नजरअंदाज कर नदी के बहाव में उतर रहे हैं। यही लापरवाही अब तक कई जानें ले चुकी है, लेकिन न तो पर्यटक सबक ले रहे हैं और न ही प्रशासन की ओर से पुख्ता कदम उठाए जा रहे हैं।

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स्थानीय लोगों के अनुसार, ब्यास नदी की तेज़ धारा और फिसलन भरे पत्थर हमेशा खतरे का कारण बने रहते हैं। फिर भी, हर सीजन में बड़ी संख्या में पर्यटक इन खतरों की अनदेखी कर फोटो और वीडियो बनाने के लिए नदी में उतर जाते हैं। कुछ स्थानों पर चेतावनी बोर्ड जरूर लगाए गए हैं, लेकिन पर्यटक इन्हें नज़रअंदाज़ कर नदी की ओर जाने वाले रास्तों का इस्तेमाल कर रहे हैं। स्थानीय निवासियों जैसे रमेश ठाकुर, हीरा लाल, गणित शर्मा, सोनम और रेशमा ने इस विषय पर चिंता जताई है। उनका कहना है कि पहले भी फोटो खींचने के शौक में कई पर्यटक अपनी जान गंवा चुके हैं। उनका सुझाव है कि प्रशासन को न सिर्फ बोर्ड लगाने चाहिए बल्कि नदी की ओर जाने वाले रास्तों पर बैरिकेड्स भी लगानी चाहिए।

थलौट हादसे की भयावह यादें अभी भी लोगों के मन में ताजा हैं, जब करीब एक दशक पहले हैदराबाद के 24 छात्र ब्यास की तेज़ धारा में बह गए थे। इसके बावजूद पर्यटक उसी तरह की लापरवाही दोहरा रहे हैं। बीते पांच वर्षों में कुल्लू जिले में 10 से ज्यादा पर्यटक ब्यास, पार्वती और अन्य नदियों में डूब चुके हैं। यह हादसे सेल्फी लेते समय पैर फिसलने या जल स्तर के अचानक बढ़ जाने के कारण हुए हैं। यहां तक कि पिछले साल मनाली में एक महिला पर्यटक की भी जान चली गई थी।

प्रशासन की ओर से समय-समय पर नदी-नालों की ओर न जाने की हिदायतें दी जाती हैं और चेतावनी बोर्ड भी लगाए जाते हैं, लेकिन सैलानी इन नियमों का पालन नहीं करते। कुछ पर्यटकों को समय रहते बचा भी लिया गया है, जब अचानक नदी का जलस्तर बढ़ गया। लेकिन हर बार किस्मत साथ नहीं देती। पर्यटक नहाने, मस्ती करने और सोशल मीडिया के लिए फोटो खींचने के चक्कर में इस खतरे को नजरअंदाज कर देते हैं, जिसका नतीजा कभी-कभी जानलेवा साबित होता है।

डीसी कुल्लू का कहना है कि पर्यटकों को सुरक्षित रखने के लिए प्रशासन ने निर्देश जारी किए हैं और कई स्थानों पर चेतावनी बोर्ड लगाए गए हैं। लेकिन वास्तविकता यह है कि पर्यटक चेतावनियों को नज़रअंदाज़ कर रहे हैं। स्थानीय लोगों का मानना है कि प्रशासन को और अधिक सख्ती करनी चाहिए, जैसे नदी की ओर जाने वाले सभी संभावित रास्तों पर बैरिकेड्स लगाना, पुलिस गश्त बढ़ाना और नियमों का उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना लगाना।

कुल्लू-मनाली की ठंडी वादियां और बर्फ से ढकी चोटियां जितनी सुंदर हैं, उतनी ही खतरनाक भी हो सकती हैं अगर सावधानी न बरती जाए। एक फोटो या वीडियो के लिए जान जोखिम में डालना समझदारी नहीं है। प्रशासन और स्थानीय लोगों की चेतावनियों को नजरअंदाज करना कई बार जानलेवा साबित हो चुका है। इसलिए जरूरी है कि पर्यटक जिम्मेदारी दिखाएं और ऐसी जगहों से दूर रहें जहां खतरे का स्पष्ट संकेत दिया गया है।

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