Sirmaur: सिरमौर में भालू और तेंदुए ने मचाई दहशत, ग्रामीणों में भय का माहौल

हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के नौहराधार क्षेत्र में एक व्यक्ति पर भालू ने जानलेवा हमला कर उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया। यह घटना रविवार को घंडूरी गांव में हुई, जब 40 वर्षीय लायक राम अपने खेतों की ओर जा रहे थे और रास्ते में अचानक एक भालू ने उन पर हमला कर दिया। भालू के हमले में लायक राम के सिर और पैरों में गंभीर चोटें आईं। किसी तरह वह अपनी जान बचाकर नजदीकी गांव पहुंचे और मदद मांगी। उसे तुरंत नौहराधार अस्पताल ले जाया गया, और गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे आईजीएमसी शिमला रैफर कर दिया गया।

घंडूरी गांव के ग्रामीणों धर्मपाल, रणदीप और सहीराम ने बताया कि लायक राम सुबह करीब 8 बजे लहसुन की खुदाई के लिए खेतों में जा रहे थे, तभी भालू ने उन पर हमला कर दिया। इस रास्ते का इस्तेमाल स्कूल जाने वाले बच्चों और खेतों में काम करने वाले लोग करते हैं, जिससे ग्रामीणों में दहशत का माहौल बना हुआ है। यह पहली बार नहीं है कि इस क्षेत्र में भालू ने हमला किया हो, कुछ महीने पहले कनिया राम पर भी भालू ने हमला कर उसे घायल कर दिया था। हालांकि अब तक कोई जानलेवा घटना नहीं हुई, लेकिन बार-बार हो रहे हमलों से ग्रामीणों में भय का माहौल है। उन्होंने प्रशासन और वन विभाग से अपील की है कि भालू को पकड़कर किसी सुरक्षित स्थान पर छोड़ा जाए, ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाएं न हों।

वन विभाग के ब्लॉक ऑफिसर श्याम लाल ने इस घटना की पुष्टि की और बताया कि पीड़ित को नियमानुसार मुआवजा दिया जाएगा। विभाग स्थिति पर नजर बनाए हुए है और क्षेत्र में सुरक्षा उपायों को सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहा है।

दूसरी ओर, पांवटा साहिब के फतेहपुर गांव में भी एक जंगली तेंदुए के घुसने की घटना सामने आई है। आधी रात को तेंदुआ गांव में घुस गया और एक भेड़ पर हमला कर दिया। गनीमत यह रही कि गांव के लोग जाग गए और तेंदुआ वापस जंगल की ओर भाग खड़ा हुआ। वन विभाग का मानना है कि यह तेंदुआ जंगल की तरफ से बाता नदी पार करके गांव में आया था। ग्रामीणों ने तेंदुए की मौजूदगी की सूचना वन विभाग को दी, जिसके बाद वन परिक्षेत्र अधिकारी माजरा सचिन शर्मा के नेतृत्व में एक टीम मौके पर पहुंची और सुरक्षा इंतजाम किए।

सुरक्षा के लिए वन विभाग ने फतेहपुर गांव में एनाइडर सिस्टम (एनिमल इंट्रूजन डिटैक्शन एंड रिपेलेंट सिस्टम) स्थापित किया है। यह एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है, जो जंगली जानवरों की आहट को दूर से भांपकर अलार्म बजाता है, जिससे जानवर डरकर जंगल की तरफ भाग जाते हैं। यह सिस्टम सोलर पावर से चलता है और दिन-रात काम करता है। इसके अलावा, वन विभाग ने तेंदुए को पकड़ने के लिए एक पिंजरा भी लगाया है और गांव में उचित रोशनी के लिए लाइट भी लगाई गई है।

यह घटनाएं यह दर्शाती हैं कि क्षेत्र में जंगली जानवरों से होने वाले हमलों का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। गांववालों की सुरक्षा के लिए वन विभाग की ओर से उठाए गए कदम महत्वपूर्ण हैं, लेकिन इन घटनाओं ने ग्रामीणों में भय और चिंता का माहौल बना दिया है।

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