धर्मशाला, 6 जनवरी: हिमाचल प्रदेश में डेयरी किसानों को सशक्त बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम के तहत, कांगड़ा के उपायुक्त हेमराज बैरवा ने आज ढगवार में बनने वाले दूध प्रसंस्करण संयंत्र की चयनित भूमि का निरीक्षण किया। इस दौरान हिमाचल प्रदेश मिल्कफेड के प्रबंध निदेशक डॉ. विकास सूद भी उनके साथ उपस्थित थे।
यह स्वचालित दूध प्रसंस्करण संयंत्र अपनी प्रारंभिक क्षमता में प्रतिदिन 1.5 लाख लीटर दूध प्रसंस्करण करेगा, जिसे भविष्य में 3 लाख लीटर प्रतिदिन तक बढ़ाया जा सकता है। इस परियोजना के पहले चरण में लगभग ₹250 करोड़ खर्च किए जा रहे हैं। इस अत्याधुनिक संयंत्र में टोंड दूध, डबल टोंड दूध, दही, पनीर, लस्सी, खोया और मोज़ेरेला चीज़ जैसे विभिन्न मूल्यवर्धित डेयरी उत्पाद बनाए जाएंगे।
डेयरी किसानों को मिलेगा सीधा लाभ
संयंत्र का उद्देश्य हिमाचल प्रदेश के डेयरी किसानों को उनके दूध के लिए एक विश्वसनीय बाजार प्रदान करना है। दूध की खरीद मुख्य रूप से कांगड़ा, ऊना, चंबा और हमीरपुर जिलों पर केंद्रित होगी, जिससे किसानों की व्यापक भागीदारी सुनिश्चित होगी।
उपायुक्त ने बताया कि उच्च गुणवत्ता वाले डेयरी उत्पादों के उत्पादन से किसानों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। यह परियोजना न केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगी, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगी।
‘हिम गंगा’ योजना से डेयरी उद्योग को मिलेगा बढ़ावा
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा शुरू की गई ‘हिम गंगा’ योजना के तहत राज्य में दूध आधारित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है। इससे पशुपालन व्यवसाय को अधिक लाभदायक बनाया जाएगा।
उपस्थित अधिकारी
इस अवसर पर तहसीलदार धर्मशाला गिरिराज ठाकुर, वरिष्ठ प्रबंधक एचपी मिल्कफेड प्रीति आर्या और संयंत्र इंजीनियर अखिलेश पराशर सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
यह संयंत्र न केवल किसानों की आय में सुधार करेगा बल्कि ग्रामीण विकास और राज्य की आर्थिक प्रगति में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा।
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