Himachal: जयराम ठाकुर का बड़ा आरोप: सत्ता के दम पर भाजपा नेताओं को डराने की कोशिश, अंजाम अच्छा नहीं होगा

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने प्रदेश सरकार पर भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से मामले दर्ज करने के गंभीर आरोप लगाए हैं। वीरवार को शिमला में मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि जो कांग्रेस और निर्दलीय विधायक उनका साथ छोड़ चुके हैं, सरकार उन्हें सत्ता के बल पर हर हाल में प्रताड़ित करना चाहती है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि जिस रास्ते पर सरकार चल रही है, न तो वह सही है और न ही उसका अंजाम अच्छा होगा।

जयराम ठाकुर ने कहा कि सत्ता का दुरुपयोग कर सरकार आज भले ही भाजपा विधायकों को कुछ समय के लिए परेशान कर ले, लेकिन सत्ता स्थायी नहीं होती। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार, उसके नेता और अधिकारी बदले की भावना से काम कर रहे हैं और इसका खामियाजा उन्हें आने वाले समय में भुगतना पड़ेगा।

उन्होंने हमीरपुर के विधायक के खिलाफ दर्ज खनन मामले का उदाहरण देते हुए कहा कि पुलिस पार्टी बनकर मामला दर्ज कर देती है, जबकि माइनिंग विभाग की ओर से ऐसी कोई शिकायत तक नहीं की गई। उन्होंने आरोप लगाया कि इस तरह की कार्रवाई में हमीरपुर के विधायक आशीष शर्मा, सुधीर शर्मा, राजेंद्र राणा, चैतन्य शर्मा, देवेंद्र भुट्टो, केएल ठाकुर और होशियार सिंह समेत कई नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि आशीष शर्मा और उनके परिवार पर सात मामले दर्ज किए गए हैं और पिछले दस दिनों से उन्हें लगातार पुलिस थाने में बैठाया जा रहा है। इसी तरह राजेंद्र राणा, उनके बेटे और पत्नी जमानत पर हैं। विधायक सुधीर शर्मा के घर का आकलन करने के लिए लोक निर्माण विभाग को लगाया गया है, जबकि चैतन्य शर्मा के पिता पर मामले दर्ज किए गए हैं। देवेंद्र भुट्टो और उनके बेटे पर तीन केस दर्ज किए गए हैं। इसके अलावा भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल और विधायक सुखराम चौधरी के खिलाफ भी अटेम्प्ट टू मर्डर के मामले दर्ज किए जाने का आरोप लगाया। जयराम ठाकुर ने यह भी कहा कि सूचना एवं जनसंपर्क विभाग को विपक्ष के खिलाफ दुष्प्रचार के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।

उन्होंने सरकार पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि बंजार के विधायक सुरेंद्र शौरी द्वारा सैकड़ों पेड़ों के कटान और मलबा उठाने में 14 करोड़ रुपये की कथित गड़बड़ी का मामला उठाने के बावजूद न तो एफआईआर दर्ज हुई और न ही कोई जांच की गई। इसी तरह धर्मपुर में हजारों पेड़ों के कटान और कालाअंब में चार लाख रुपये से अधिक के स्टीकर व अवैध शराब के मामले में भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।

जयराम ठाकुर ने कहा कि भाजपा एक सीमा तक ही इंतजार करेगी, क्योंकि अब प्रताड़ना के मामलों की संख्या करीब 100 तक पहुंच गई है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि यह सिलसिला नहीं रुका तो आने वाले समय में भाजपा सड़कों और चौराहों पर उतरने को मजबूर होगी।

कांगड़ा कार्निवाल को लेकर भी उन्होंने सरकार पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि कार्निवाल के नाम पर वसूली के लिए पत्र जारी किया गया है, जबकि सरकारी कार्यक्रमों का खर्च प्रदेश की जनता से क्यों वसूला जा रहा है। उन्होंने पूछा कि पत्र में खाता नंबर क्यों नहीं दिया गया और क्या यह कैश वसूली का प्रयास है। यदि लोग दान दे रहे हैं तो उन्हें आयकर में छूट का लाभ क्यों नहीं दिया जा रहा।

सरकार के तीन साल के जश्न पर तंज कसते हुए जयराम ठाकुर ने कहा कि यह कार्यक्रम जश्न की बजाय आपसी कलह का मंच बनकर रह गया। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के बयानों से यह साफ झलकता है कि सरकार के भीतर ही सब कुछ ठीक नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि आपदा के दौरान जिन लोगों के परिजनों की लाश तक नहीं मिली, उनके खिलाफ मामले दर्ज किए गए और आज भी 52 लोग थानों में बैठाए गए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि नई सूची तैयार की जा रही है और इसमें पहचान पुलिस नहीं बल्कि कांग्रेस का एक नेता कर रहा है।

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