Himachal: अब बचना मुश्किल! हिमाचल के सरकारी कॉलेजों में शिक्षकों को अनिवार्य होगी जियोफेंस बायोमीट्रिक अटैंडेंस — सरकार ने दिया बड़ा स्पष्टीकरण

हिमाचल प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में अब शिक्षकों को जियोफेंस आधारित बायोमीट्रिक अटेंडेंस अनिवार्य रूप से लगानी होगी। हाल ही में कई शिक्षक संगठनों ने इस सिस्टम का विरोध किया था, जिसके बाद उच्च शिक्षा विभाग ने पूरी स्थिति स्पष्ट कर दी है।

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विभाग के अनुसार, यह पूरी प्रक्रिया पूरी तरह सुरक्षित है और इससे शिक्षकों की गोपनीयता पर किसी भी तरह का खतरा नहीं होगा। विभाग ने इस मामले में कार्यान्वयन एजेंसी—डिजिटल प्रौद्योगिकी एवं शासन विभाग (DIT)—से स्पष्टीकरण मांगा था। अब वही क्लैरिफिकेशन सभी कॉलेजों को भेज दी गई है।

डेटा पूरी तरह सुरक्षित, सिर्फ अटेंडेंस के लिए आधार प्रमाणीकरण

जारी स्पष्टीकरण में कहा गया है कि आधार प्रमाणीकरण केवल उपस्थिति दर्ज करने के लिए ही इस्तेमाल किया जाएगा।

सारा डेटा हिमाचल प्रदेश स्टेट डेटा सेंटर (HPSDC) में आधार अधिनियम, आईटी अधिनियम और सभी सुरक्षा मानकों के तहत सुरक्षित रहेगा।

मोबाइल से लगेगी अटेंडेंस — फोन खो जाए तो भी चिंता नहीं

आधार-आधारित अटेंडेंस सिस्टम एक मोबाइल ऐप के जरिए काम करेगा, जो एंड्रॉइड और iOS दोनों पर उपलब्ध है।

अगर कोई शिक्षक अपना फोन भूल जाए या खो दे, तो वह अपने HimAccess क्रेडेंशियल्स से किसी सहकर्मी के फोन में लॉगिन कर सकता है और वहीं से अटेंडेंस दर्ज कर सकता है।

कॉलेजों को सख्त निर्देश

उच्च शिक्षा विभाग ने सभी सरकारी कॉलेजों के प्रधानाचार्यों को निर्देश दिए हैं कि वे इन स्पष्टीकरणों को सभी शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों तक पहुंचाएं और सरकार द्वारा जारी निर्देशों को सख्ती से लागू किया जाए।

विभाग ने साफ कर दिया है कि सरकारी कॉलेजों में शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए आधार-बेस्ड अटेंडेंस सिस्टम अब अनिवार्य है।

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