बैजनाथ, 29 सितम्बर 2025 – शिक्षा को समाज का सबसे बड़ा धन कहा जाता है, लेकिन कई बार आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण प्रतिभाशाली छात्र अपनी पढ़ाई अधूरी छोड़ने को मजबूर हो जाते हैं। इस गंभीर समस्या को समझते हुए पं. संतराम राजकीय महाविद्यालय बैजनाथ ने एक अनोखी और प्रेरणादायक पहल की है।
महाविद्यालय के स्टाफ सदस्यों ने स्वेच्छा से हर वर्ष धन एकत्रित करने का निर्णय लिया है, जिसे “कॉलेज ऐड फंड” नाम दिया गया है। इसी फंड के अंतर्गत इस वर्ष छह आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान की गई है। इस पहल से न केवल उनकी पढ़ाई की राह आसान होगी, बल्कि उनका आत्मविश्वास और मनोबल भी ऊँचा होगा।
कॉलेज ऐड फंड क्या है?
“कॉलेज ऐड फंड” महाविद्यालय का स्वयं का एक विशेष प्रयास है, जिसके तहत शिक्षक व स्टाफ सदस्य अपनी ओर से एक निश्चित राशि स्वेच्छा से जमा करते हैं। यह राशि विद्यार्थियों की शिक्षा संबंधी ज़रूरतों को पूरा करने में काम आती है।
👉 इस फंड का सबसे बड़ा लाभ यह है कि इसमें किसी भी प्रकार की सरकारी या बाहरी सहायता पर निर्भर नहीं रहना पड़ता।
👉 यह पूरी तरह शिक्षकों और स्टाफ की मानवता व समाज सेवा की भावना पर आधारित है।
👉 इस फंड से दी जाने वाली छात्रवृत्ति सीधे विद्यार्थियों की फीस, किताबों और अन्य शैक्षिक खर्चों में प्रयोग की जाती है।
छात्रवृत्ति वितरण का उद्देश्य
इस पहल का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी विद्यार्थी की शिक्षा केवल आर्थिक अभाव के कारण बाधित न हो।
चयनित छात्रों को फीस रिफंड और अन्य शैक्षणिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए आर्थिक सहायता दी जाती है।
इस सहायता से विद्यार्थी बिना चिंता के पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित कर पाते हैं।
यह पहल समाज को यह संदेश देती है कि शिक्षा सभी का अधिकार है, और इसे पैसों की कमी से सीमित नहीं किया जा सकता।
प्राचार्य का दृष्टिकोण
महाविद्यालय के प्राचार्य ने इस अवसर पर कहा कि –
“यह पहल केवल आर्थिक मदद नहीं है, बल्कि यह छात्रों के मनोबल को भी बढ़ाती है। महाविद्यालय परिवार ने जो कदम उठाया है, वह न केवल प्रेरणादायक है बल्कि समाज के लिए अनुकरणीय भी है।”
उन्होंने स्टाफ सदस्यों की निस्वार्थ भावना और योगदान की सराहना करते हुए उम्मीद जताई कि आगे भी इस तरह की सहयोगात्मक पहलें जारी रहेंगी।
विद्यार्थियों और अभिभावकों की प्रतिक्रिया
इस पहल से छात्रों और उनके परिवारों में खुशी और संतोष का माहौल है।
कई अभिभावकों ने कहा कि अब उनके बच्चों को फीस और किताबों की चिंता किए बिना आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा।
छात्रों ने भी इस मदद को अपने जीवन का महत्वपूर्ण मोड़ बताया और आश्वासन दिया कि वे इस सहयोग को सार्थक बनाने के लिए अपनी पढ़ाई में पूरी मेहनत करेंगे।
शिक्षा में छात्रवृत्ति का महत्व
भारत जैसे विशाल देश में लाखों छात्र-छात्राएं गरीबी और आर्थिक तंगी से जूझते हैं। ऐसे में छात्रवृत्ति उनके लिए जीवनरेखा साबित होती है।
छात्रवृत्ति मिलने से छात्र पढ़ाई पर पूरा ध्यान केंद्रित कर पाते हैं।
यह विद्यार्थियों को आगे की पढ़ाई और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए प्रोत्साहित करती है।
आर्थिक सहयोग मिलने से छात्रों में आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता की भावना भी बढ़ती है।
स्थानीय स्तर पर ऐसी पहलों की आवश्यकता
कई बार छात्रवृत्ति केवल सरकारी योजनाओं पर निर्भर होती है। लेकिन यह हमेशा सभी तक समान रूप से नहीं पहुँच पाती। ऐसे में स्थानीय स्तर पर शिक्षकों और समाज के लोगों की पहल बेहद जरूरी हो जाती है।
पं. संतराम राजकीय महाविद्यालय बैजनाथ की यह पहल दर्शाती है कि जब समाज मिलकर कार्य करता है तो बड़े से बड़ा बदलाव संभव है।
यदि अन्य शैक्षणिक संस्थान भी इसी तरह कदम उठाएँ, तो हजारों छात्रों की ज़िंदगी बदल सकती है।
भविष्य की उम्मीदें
इस पहल से यह उम्मीद जगी है कि आने वाले समय में और भी अधिक छात्र इस फंड से लाभान्वित होंगे।
यदि इस फंड को और मजबूत किया जाए तो अधिक संख्या में आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों की मदद की जा सकेगी।
समाज और स्थानीय लोगों की भागीदारी भी इस प्रयास को और व्यापक बना सकती है।
यह पहल शिक्षा के अधिकार को वास्तविक रूप में साकार करने की दिशा में एक मजबूत कदम है।
निष्कर्ष
पं. संतराम राजकीय महाविद्यालय बैजनाथ का यह प्रयास साबित करता है कि समर्पण और सहयोग से किसी भी समस्या का समाधान संभव है। आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को छात्रवृत्ति देकर न केवल उनकी पढ़ाई आसान हुई है, बल्कि यह समाज को यह संदेश भी देता है कि शिक्षा सबके लिए है।
यह पहल आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा स्रोत है और अन्य शैक्षणिक संस्थानों को भी इसी राह पर चलने की दिशा दिखाती है।
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